मध्य प्रदेश का सीधी जिला पेशाब कांड के चलते काफी चर्चा में बना हुआ है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जिस घटनाक्रम का आगाज हुआ उसमें आरोपी की गिरफ्तारी कर ली गई है। लेकिन इस मामले में नया मोड़ आया है। इसे लेकर पीड़ित आदिवासी दशमत रावत का बयान सामने आया है.जहां उसका कहना है कि ये वीडियो तीन साल पुराना है… वहीं उसके इस बयान के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है।
तीन साल पुराना है मामला
जहां एक तरफ दशमत के बयानों के बाद कांग्रेज बीजेपी पर जमकर तंज कसती दिख रही है तो वहीं बीजेपी का बचाव बढ़ता जा रहा है। पीडित ने पेशाब कांड के इस वीडियो को जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना साल 2020 में रात के करीब 10 से 11 बजे के बीच की बताई। उसने यह भी कहा कि उस वक्त उसने शराब पी हुई थी और वह होश में नहीं था।
पीड़ित के इस बयान के बाद बवाल हो गया। जहां लोगों ने कहा कि यह असली पीड़ित नहीं है। वहीं प्रशासन इसका खंडन करता नजर आया और प्रशासन ने कहा कि यही असली पीडि़त है। दशमत पहले भी प्रवेश शुक्ला को माफ करने की बात कह चुका है।
क्या है मामला?
आपको बता दे, मध्य प्रदेश के सीधी जिले से एक वीडियो सामने आया था। इसमें एक युवक पर दूसरा युवक पेशाब करता हुआ नजर आ रहा था। जानकारी सामने आई कि ये पेशाब करने वाला शख्स बीजेपी नेता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा कहा जाने लगा कि पेशाब करने वाला युवक बीजेपी विधायक केदार शुक्ला का प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला है। हालांकि बीजेपी विधायक ने खुद इससे पल्ला झाड़ लिया है। बीजेपी नेता ने कहा कि प्रवेश उसका प्रतिनिधि नहीं है।