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योगी मंदिर में चढ़ा सवा सौ किलो का चांदी का छतर, चिढ़े नहीं अपने नाम पर

योगी मंदिर में चढ़ा सवा सौ किलो का चांदी का छतर, चिढ़े नहीं, अपने नाम पर “औरंगजेब मदरसा” बनवा लो SP मुखिया- अमित जानी

यूपी को सीएम योगी को चहाने वालों की कमी नहीं है। बीते दिनों अयोध्या मे बने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंदिर और उसमें हवन आरती और पूजा पाठ की खबर हमने आपको दिखाई थी। वहीं आपको बता दें कि अब इस मंदिर में भक्तों का जाना भी शुरु हो गया है। योगी मंदिर में सबसे पहले पहुंचे है उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी। जहाँ उन्होंने ना सिर्फ योगी आदित्यनाथ की मूर्ति की पूजा अर्चना की बल्कि एक सवा किलो चांदी का छतर भी चढ़ाया।

सीएम योगी राजपुरुषों मेें उत्तम है

योगी मंदिर पहुंचकर अमित जानी ने बताया कि अयोध्या श्री राम की नगरी है। श्री राम भी मानव रूप मे ही जनकल्याण हेतु धरती पे आये थे। वे पुरुषों में उत्तम थे इसीलिए उनको पुरुषोत्तम कहा गया है। योगी आदित्यनाथ भी नेताओं और राजपुरुषों मे उत्तम है। हम गुरु के रूप में गोरखनाथ, बालकनाथ, संत कबीर, संत दास को आदर्श मानते हैं। बुद्ध भी क्षत्रिय राजकुमार थे, जनकल्याण मे जीवन लगा देने के बाद वे भी भगवान कहलाये।

कोई व्यक्ति यदि योगी जी जैसे संत को मंदिर में स्थापित कर रहा है तो इसमें कुछ भी धर्म विरोधी नहीं है। योगी जी क्षत्रिय हैं, धनुष बांण क्षत्रियों का आभूषण हैं। धनुष यदि योगी जी के हाथ में नहीं होगा तो क्या आज़म खान, मुख़्तार अंसारी जैसे दानवों के हाथ में होगा?  अमित जानी ने कहा कि वे योगी जी को कलयुग का अवतार ही मानते हैं। जिन्होंने गौरक्षा, धर्म रक्षा में जीवन लगा दिया। उत्तर प्रदेश की असुरी शक्तियों को ठिकाने लगाने मे उनकी बड़ी भूमिका है। उनके आने से दानवों में खलबली है। यही रामराज्य की पराकाष्ठा है।

अपने समर्थकों से टीपू मदरसा इस्लामिया बनावा लिजिए

अमित जानी ने सपा मुखिया पे तंज किया कहा कि योगी जी के मंदिर का निर्माण हो गया तो अखिलेश क्यों चिड़ गये?  उनके भी बहुत समर्थक है जो उनके नाम से “टीपू मदरसा इस्लामिया ” या “औरंगजेब मदरसा” बना सकते है। खुद की हाथ में सुदर्शन चक्र के साथ बनाई गयी पेंटिंग को देखकर अखिलेश मंत्रमुग्ध होकर खुद को श्री कृष्ण समझने लगते हैं। जबकि एक संत के मंदिर से जल भून गये है।

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