दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में खौफनाक मंजर दिखाई दिया। जहां की मार्केट में हेलोवीन पार्टी चल रही थी। जिसमें करीब एक लाख लोग मौजूद थे। लेकिन अचानक भगदड़ मचने से दर्जनों लोग सड़क पर बेसुध होकर गिर गए। जिसमें 151 लोगों की मौत हो गई। जबकि 82 से अधिक लोग घायल हैं।
50 से अधिक लोगों को एक साथ हार्ट अटैक
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर हलात तो काबू पाने की कोशिश की। जांच पाया गया कि 50 से अधिक लोगों को एक साथ हार्ट अटैक आया था। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसमें पुलिसकर्मी सड़कों पर बेसुध पड़े लोगों को सीपीआर देते दिखाई दे रहे हैं।
जरा घटनास्थल की तस्वीरों में देखिए जहां बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ एम्बुलेंस मौजूद हैं। आपातकालीन कर्मचारी घायलों को स्ट्रेचर पर ले जा रहे हैं और सड़कों पर बेसुध पड़े लोगों को सीपीआर देते देखा जा सकता है।
सड़कों पर बेसुध पड़े लोगों को सीपीआर दे रहे कर्मचारी
नेशनल फायर एजेंसी के एक अधिकारी चोई चेओन-सिक ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार की रात इटावन लेजर जिले में भीड़ बढ़ने के कारण ये हादसा हुआ है। जिसमें लगभग 82 लोग घायल हो गए। 50 लोगों को एक साथ हार्ट अटैक आया था जिनका इलाज चल रहा है। सियोल में सहित देश भर से 400 से अधिक आपातकालीन कर्मचारी और 140 वाहन घायलों के इलाज के लिए सड़कों पर तैनात किए गए।

न्यूज एजेंसी के अनुसार दक्षिण कोरियाई के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी सियोल में हेलोवीन फेस्टिवल मनाया जा रहा था। इस दौरान एक संकरी सड़क पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा दी। अचनाक मची भगदड़ में कुचले जाने से सैकड़ों लोग घायल हो गए। जबकि कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।
राष्ट्रपति ने दिए ये निर्देश
एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि इटावन की सड़कों पर हेलोवीन फेस्टिवल में बड़ी संख्या में भीड़ जुटी थी। जहां अचानक भगदड़ मच गई। फिलहाल मामले की जांच चल रही है। वहीं अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि एक अज्ञात हस्ती के वहां पहुंचने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग इटावन बार में पहुंचे थे।
इसी बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने अधिकारियों को घायलों का तेजी से इलाज सुनिश्चित करने के साथ-साथ पार्टी स्थलों की सुरक्षा की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इसके अवाला स्वास्थ्य मंत्रालय को घायलों के इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में आपदा चिकित्सा सहायता टीमों को तैनात करने और सुरक्षित बिस्तरों के भी निर्देश दिया।