आठ साल से बंद पड़ी सोमैयानगर में सूत मिल की 70 एकड़ जमीन पर करोड़ों की लागत से आईटी पार्क बनेगा। इसकी सुगबुगाहट एक साल से चल रही थी। वहीं बजट में सूत मिल की देनदारियां चुकाने को लेकर भी 100 करोड़ रुपये सरकार ने दिए थे। मगर शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में बाराबंकी में आईटी पार्क को मंजूरी मिलने के बाद यह रास्ता साफ हो गया है। जिले के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
बता दें कि वर्ष 1977 में शहर के पास स्थित सोमैयानगर में राज्य कताई मिल की स्थापना हुई थी। वहीं करीब साढ़े तीन हजार लोगों को मिल में विभिन्न प्रकार की नौकरी व रोजगार मिला था। वर्ष 2010 तक सूत मिल खूब चली। इसके बाद मिल में घाटा आने व मरम्मत के नाम पर ज्यादा पैसा खर्च होने की समस्या पैदा हुई। वहीं जुलाई 2015 में मिल बंद कर दी गई। इस दौरान वेतन आदि नहीं मिलने से करीब 270 श्रमिकों ने वीआरएस ले लिया। मिल बंद हुई तो 370 श्रमिकों व कर्मचारियों को वीआरएस दिया गया।
सूत मिल की देनदारी के लिए सरकार ने करीब 100 करोड़ रुपये आवंटित
तब से सूत मिल बंद पड़ी है। हाल ही के दिनों में जारी हुए बजट में सूत मिल की देनदारी के लिए सरकार ने करीब 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इसे बकाया कर्ज के शासकीय अंशपूजी के अपलेखन के लिए अनुदान के रूप में दिया गया था। तभी साफ हो गया था कि सरकार सूत मिल की जगह कुछ नया करना चाहती है। सूत्रों के अनुसार सूत मिल की जमीन का क्षेत्रफल करीब 70 एकड़ है। शुक्रवार को लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने बाराबंकी में आईटी पार्क विकसित करने की जानकारी देकर यह साफ कर दिया कि आईटी पार्क सूत मिल की जमीन में ही बनेगा। अधिकारियों के अनुसार , सूत मिल की अभी और भी देनदारियां हैं, जिनका निस्तारण सरकार बहुत जल्द करेगी।
आईटी पार्क में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होगा उपल्बध
आईटी पार्क में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध होगा। साथ ही यहां पर विभिन्न प्रकार की कंपनीयों के लिए टेक्नॉलॉजी से युक्त जगह भी होगी। इस पार्क में आईटी कंपनीयों को जरुरत से संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे रोजगार का भी सृजन होगा। आईटी पार्क में कंपनियां अपने कार्यालय खोल सकेंगी। नए स्टार्टअप शुरु करने वाले लोगों को भी मदद मिलेगी।