भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। रामचरितमानस की चौपाइयों के विरोध की वजह से चर्चा में आए मौर्य ने अब कहा है कि गाली देने वाला गाली की पीड़ा को नहीं समझ सकता। दरअसल उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ”इंडियंस आर डॉग’ कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान और बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से की थी। वह दर्द केवल गांधी जी ने ही समझा था। उसी तरह आज धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं और शुद्र समाज में आने वाले आदिवासियों, दलितों और पिछड़ो से की जाती है, उसका दर्द भी वहीं लोग ही समझ सकते हैं। क्योंकि गाली देने वाला गाली की पीड़ा नहीं समझ सकता।’
पाला बदलते ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदले बयान
ये वही स्वामी प्रसाद मौर्य हैं जो कुछ समय पहले तक बीजेपी पार्टी के बैनर के तले रहकर विरोधियों को कोसने का एक मौका नहीं चुकते थे। ये कभी मायावती के भी करीबी थे। अब अखिलेश यादव ने इन्हें सपा पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है। इन्होंने हाल ही में रामचरितमानस की चौपाइयों का विरोध किया था।
दरअसल उन्होंने कहा था कि ये ग्रंथ आदिवासी, दलित, पिछड़े व महिलाओं का विरोध करता है। रामचरितमानस की चौपाइयां शूद्रों को खत्म करने की बात करती हैं। उनके इस बयान से सियासी पारा गरमा गया था।
स्वामी प्रसाद पर सीएम योगी का पलटवार
तमाम पार्टियों की बयानबाजी के बीच भी मौर्य अपने बयान पर अडिग रहे। वह अभी अपने बयान पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की आड़ मैं हमेशा आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं का अपमान करने वालों का विरोध करता रहूंगा और जब तक इन्हें सम्मान नहीं मिल जाता मैं तब तक अपनी बात पर अडिग रहूंगा। वहीं सीएम योगी ने इनके बयान पर कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए ऐसे बयान देकर लोगों को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।