H3N2 वायरस से इन लोगों को है ज्यादा खतरा, बरतनी होगी सावधानी, पढ़े डॉक्टर्स की सलाह और उपाय

देश में H3N2 वायरस के केस दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। इस वायरल की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत भी हो चुकी  है। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA के अनुसार इस वायरस की चपेट में आने से आमतौर पर 15 साल से कम और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोग बीमार पड़ रहे हैं।

इन लोगों को बरतनी होगी सावधानी

इसके अलावा कोमोरबिड पेशेंट यानी एक ऐसा व्‍यक्ति जो एक ही समय पर एक से अधिक गंभीर बीमारी का शिकार हो जैसे-उसे डायबिटीज, डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम और बीपी दोनों की प्रॉब्लम हो, या फिर वो लोग जिन्हें अस्थमा, वीक इम्यून और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम जैसी कोई एक दिक्कत है, तो उन्हें H3N2 का रिस्क है।

H3N2 वायरस के लक्षण

जानकारी के लिए बता दें कि H3N2 वायरस के लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते है, इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है। जैसे- खांसी, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, ठंड लगना, नाक बहना या नाक बंद होना, दस्त, उल्टी, सांस फूलना, गले में खराश, थकान

कैसे फैलता है ये वायरस?

विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों ही वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है। डॉक्टरों ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने नागरिकों से आग्रह किया है कि छींकने व खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढकने की कोशिश करें।

ऐसे करें बचाव

नियमित रूप से हाथ धोने और सार्वजनिक जगह पर हाथ मिलाने और थूकने से बचें।
आंख और नाक को छूने से बचें।
खांसते समय मुंह और नाक को कवर कर लें।
घर से बाहर निकलते वक्त मास्क का लगाना जरूरी है।
प्रदूषण वाली जगहों पर जाने से बचें।
तरल पदार्थों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
बॉडी पेन या बुखार होने पर पेरासिटामोल लें।

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