उत्तर प्रदेश में नगर पालिका चुनाव का प्रचार -प्रसार काफी तेज होता दिखाई दे रहा हैं। सभी राजनितिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी कर दी हैं। इसी के साथ राजनैंतिक सूत्रों से यह खबर आ रही हैं कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने उम्मीदवारों को नगर निगम चुनाव में उतार दिया है लेकिन बताया यह भी जा रहा है कि बसपा प्रमुख ने खुद इस चुनाव से दूरी बना ली हैं। ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती का यह फैंसला उनके दल की परेशानियों को काफी बढ़ा रहा हैं वहीं अन्य दल मायावती के चुनाव में न उतरने से काफी खुश दिखाई दे रहें हैं।
मायावती की रणनीति
उत्तर प्रदेश नगर निगम चुनाव में बसपा नें पहले चरण के लिए अपनें उम्मीदवारों में सें 60 प्रतिशत मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर अपनी स्थिती साफ कर दी है । बसपा हमेंशा से ही दलित और मुस्लिम समीकरण के सहारे अपनी दावेदारी मजबूती से रखती हैं इस बार भी बसपा ने इस समीकरण को बरकरार रखा हैं।
राजनैंतिक सूत्रों से यह भी खबर आ रही हैं कि बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव में केवल मार्गदर्शन करेंगी और अपने यहां वार रूम बनाकर मॉनिटरिंग करेंगी। इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के चुनाव प्रचार में शामिल होनें पर भी संदेह है।वहीं प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के लिए यह चुनाव काफी चुनौती भरा होगा । इस चुनाव को लोकसभा चुनाव 2024 का रिहर्सल कहा जा रहा है। वहीं नगर निगम चुनाव 2023 से यह भी पता चल सकेगा कि 2024 लोकसभा चुनाव पर किसका असर सबसे ज्यादा होगा।
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