हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दिया है। बेंच ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों के लिए 5 दिसंबर को जारी ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया है। इसके अलावा इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार की तरफ से जारी OBC आरक्षण को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निकाय चुनावों को बिना OBC आरक्षण के कराने के आदेश दिए हैं। इस पर अब सीएम योगी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
‘जरूरत पड़ी तो SC तक जाएंगे‘
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी। इसके बाद ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा। सीएम ने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील भी करेगी।
हाईकोर्ट ने सुनाया 87 पेज का फैसला
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नगर निकाय चुनाव के लिए सरकार की तरफ से जारी OBC आरक्षण को रद्द कर दिया है और जल्दी चुनाव कराने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि जब तक ट्रिपल टेस्ट हो, तब तक OBC आरक्षण नहीं होगा। इसलिए सरकार या निर्वाचन आयोग बिना OBC आरक्षण के चुनाव करवा सकता है। जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस सौरभ लवानिया की बेंच ने निकाय चुनाव में ओबीसी के आरक्षण से जुड़ी कुल 93 याचिकाओं पर सुनवाई की। इसके बाद 87 पेज में फैसला सुनाया।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फैसले में साफ कहा है कि सरकार ने 5 दिसंबर को निकाय चुनाव को लेकर जो आदेश दिया, उसे खारिज किया जाता है। इसके अलावा 12 दिसंबर को सरकार ने जो प्रशासक नियुक्त किए था उसे भी रद्द किया जाता है। यानी हाई कोर्ट ने यूपी सरकार के दो फैसलों पर रोक लगा दी है।
सरकार ने पेश की दलील
बता दें कि निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने पर सरकार की तरफ से कहा गया था कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए 22 मार्च 1993 को आयोग बनाया गया था। उसकी के आधार पर 2017 में भी निकाय चुनाव करवाए गए थे। ट्रिपल टेस्ट का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश में बैकवर्ड क्लास को आरक्षण देने के लिए डेडीकेटेड कमीशन बनाया गया है। उसके आधार पर ही आरक्षण दिया गया है। जो 50 फीसदी से ज्यादा नहीं है।
बिना ट्रिपल टेस्ट के ओबीसी आरक्षण वाली सीटों को अनारक्षित माना जाए
इस पर बेंच ने कहा कि महाराष्ट्र के विकास किशन राव गवली केस में सुप्रीम कोर्ट ने OBC को अलग से आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को जरूरी बताया है। इसलिए सरकार निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट करते हुए एक डेडीकेटेड कमीशन बनाए और ओबीसी को आरक्षण दे। समय पर निकाय चुनाव हो यह सरकार सुनिश्चित करें। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि बिना ट्रिपल टेस्ट के जिन सीटों पर ओबीसी को आरक्षण दिया गया है, उन्हें अनारक्षित माना जाए।