गोरखपुरः यूपी के निकाय चुनाव में प्रथम चरण के मतदान के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में अनोखा नजारा देखने को मिला। पोलिंग पार्टियों के रवाना होने के बाद खेलने के लिए बने मैदान, परिसर और अन्य स्थानों पर बिखरे हुए कचरा को प्रत्याशी-समर्थक अधिकारी और कर्मचारियों के साथ शहर के जागरूक संगठन और लोगों ने मिलकर साफ किया। निकाय चुनाव के बाद पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है।
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रत्याशियों से की श्रमदान की अपील
गोरखपुर के एडीएम फाइनेंस और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में इस श्रमदान कार्यक्रमा आयोजन किया गया। नगर निकाय चुनाव के दौरान पोलिंग पार्टियों की रवानगी, प्रशिक्षण और अन्य गतिविधियां संचालित हुईं।
ऐसे में प्लास्टिक की बोतलें, कचरा और अन्य खाद्य सामग्रियों के पैकेट की वजह से जगह-जगह गंदगी हो गई। ऐसे में परिसर की सफाई और प्लास्टिक मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रत्याशी-समर्थक और शहरवासियों से श्रमदान की अपील की।
अपनी-अपनी टीम के साथ पहुंचे बड़े-बड़े दिग्गज
ऐसे में नागरिक सुरक्षा कोर के चीफ वार्डन डा. संजीव गुलाटी, उप नियंत्रक सत्य प्रकाश सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे। एसडीआरएफ के कंपनी कमांडर विवेकानंद 16 सदस्यों के साथ पहुंचे। एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर सुधीर कुमार 22 सदस्यों के साथ पहुंचे।
भाजपा महापौर प्रत्याशी डा. मंगलेश श्रीवास्तव भी सहयोगियों के साथ पहुंचे। नगर निगम के सुपरवाइजर कूड़ा एकत्रीकरण वाहन के साथ पहुंचे। तो वहीं आपदा मित्र, आपदा सखी और प्राधिकरण के जुड़े मास्टर प्रशिक्षकों और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने भी दो घंटे श्रमदान किया।
गोरखपुर में चलाया महाअभियान….
गोरखपुर में पहली बार देखा गया कि मतदान के पश्चात प्रत्याशीगण, विभिन्न सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और आपदा से जुड़े स्वयंसेवकों द्वारा उस स्थल की सफाई की गई। जहां से पोलिंग पार्टियां रवाना हुई। विश्वविद्यालय के पास सीमित संसाधन है। जिनसे संपूर्ण सफाई व्यवस्था पूर्ण नहीं की जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए महाअभियान का संचालन किया गया।
विश्वविद्यालय प्रांगण की सफाई करते हुए एडीएम फाइनेंस राजेश कुमार सिंह ने कहा कि कूड़ा विशेषकर प्लास्टिक पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक का समुचित निस्तारण अति आवश्यक है। इसमें समाज के हर व्यक्ति को अपना प्रथम कर्तव्य मानते हुए दायित्वों का निर्वहन करना होगा।