नीतीश कैबिनेट का मंगलवार को विस्तार होने जा रहा है और महागठबंधन मे संभावित मंत्रियों के नाम लगभग तय कर लिये गए हैं। जिसमें बड़ी फेर बदल की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कि जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम मंत्रियों की लिस्ट से काट दिया गया है। इसी बीच अटकलों का बाजार भी गर्म होता दिखाई दे रहा है। लेकिन, इस बारे में अभी तक जेडीयू की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है और अंतिम मौके पर बड़ा फेरबदल भी हो सकता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पटना से बाहर चले गए हैं और माना जा रहा है कि वो दिल्ली गए हैं और 19 अगस्त को वापस पटना आएंगे।
माना जाता है कि, नई सरकार के गठन या फिर लालू यादव और नीतीश कुमार को करीब लाने में उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा योगदान रहा है। चौबीस घंटे पहले तक यह तय माना जा रहा था कि नई सरकार में जेडीयू कोटे से उपेंद्र कुशवाहा मंत्री बनेंगे। अब सवाल यह उठने लगा है कि आखिर उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री क्यों नहीं बनाया जा रहा है?
सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार 12 अगस्त की रात को राजधानी पटना के मौर्या होटल में कुशवाहा नेताओं की एक बैठक हुई थी। खबर है कि इस बैठक में जेडीयू में शामिल कई कुशवाहा नेता भी मौजूद थे और इस बैठक में जेडीयू के प्रदेश कमिटि के बड़े नेता भी शामिल हुए थे। इस बैठक में तय किया गया है कि कुशवाहा समाज से जिन्हें भी मंत्री बनाना हो, नीतीश कुमार बना सकते हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा को नहीं। इससे बड़ा सवाल उठता है कि इन नेताओं की उपेंद्र कुशवाहा से इतनी नाराजगी क्यों है?
इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री नहीं बनाए जाने के निर्णय की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी दे दी गई है। इसका मतलब साफ है कि महागठबंधन की नई सरकार में उपेंद्र कुशवाहा मंत्री नहीं बनेंगे। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए यह तो किसी को नही पता है। अब तो यह 16 अगस्त को ही फाइनल होगा कि उपेंद्र कुशवाहा मंत्री बनेंगे या नहीं। क्योंकि अंतिम समय में कुछ भी हो सकता है।