उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समय- समय पर ऐसे फैसले लेती है जो प्रदेशवासियो के हित के लिए होते है। चाहें गुंडे माफीयों को सबक सिखाना हो या फिर या भ्रष्ट नेताओं के घरों पर बुलडोजर चलाना हो हर किसी को उसके गुनाह की सज़ा मिलती है। अब योगी सरकार ने एक नई मुहीम चलाई है जिसके तहत अब कैदियों को भी रोजगार मिलेगा, उन्हें सही रास्ते पर चलने के लिए सही दिशा- निर्देश दिए जाएंगे।
रोजगार के साथ ही अब धार्मिक आस्था से जुड़ेगे जेल में बंद कैदी
बता दें कि अब योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को न सिर्फ अब रोजगार से जोड़ रही है बल्कि उनमें आस्था के प्रति सम्मान का भाव लाने का भी प्रयास कर रही है। जो कैदी अपने अतीत को भुलाकर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनना चाहते हैं, सरकार उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करा रही है। वहीं इसी क्रम में फतेहगढ़ कारगार के महिला और पुरुष कैदी ओडीओपी योजना के तहत ब्लॉक प्रिंटिंग कला का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वहीं प्रशिक्षण के जरिये रामनामी, राधे-राधे, ओम नम: शिवाय नाम के प्रिंटिंग पटका, दुपट्टे और गमछे तैयार कर रहे हैं, जिसे अयोध्या, वाराणसी, मथूरा और चित्रकूट समेत प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए सप्लाई किया जाएगा।
वहीं जेल प्रशासन कैदियों को पटका, दुप्ट्टा और गमछा बनाने का निर्धारित पारिश्रमिक देने के साथ इससे होने वाली आय का 10 प्रतिशत सरकारी खाते में जमा करने के बाद कैदियों में बांट देगा। इतना ही नहीं इन कैदियों को रोजगार मेले के जरिए रोजगार भी दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर वर्ग को रोजगार, स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। उनका यह संकल्प साकार भी हो रहा है।
फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदी आत्मनिर्भर बनने के सीख रहे गुण
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास का असर ही है कि प्रदेश में पहले के मुताबिक बेरोजगार दर वर्ष 2016 में 18 प्रतिशत थी, जो अब घटकर अप्रैल 2022 में 2.7 प्रतिशत रह गई है। राज्य सरकार हर वर्ग को रोजगार एवं स्वरोजगार उपल्बध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है। उनकी इन्ही योजनाओं का लाभ उठाकर फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदी आत्मनिर्भर बनने के गुण सीख रहे हैं।