Bihar election betting market NDA lead:बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और अब राजनीतिक दलों के साथ-साथ सट्टा बाजारों में भी हलचल बढ़ गई है। खास तौर पर राजस्थान का फलोदी सट्टा बाजार, जो देशभर में अपने चुनावी दांव-पेच और सटीक अनुमान के लिए मशहूर है, इस समय बिहार के नतीजों पर अपने आंकड़े और अनुमान पेश कर रहा है। यहां के सटोरिए राज्य की हर हलचल पर पैनी नजर रखे हुए हैं और लगातार राजनीतिक समीकरणों का विश्लेषण कर रहे हैं।
सट्टा बाजार का दावा, NDA सरकार बनने की संभावना ज्यादा
फलोदी सट्टा बाजार के ताजा अनुमान के मुताबिक, इस बार बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की स्थिति पहले से कहीं मजबूत नजर आ रही है। सटोरियों के अनुसार, बीजेपी समर्थित NDA गठबंधन को 135 से 138 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। इसका मतलब यह है कि सट्टा बाजार को भरोसा है कि नीतीश कुमार और बीजेपी मिलकर सत्ता में वापसी कर सकते हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, केंद्र की नीतियों और राज्य में किए गए विकास कार्यों का असर इस चुनाव में देखने को मिल सकता है। इसी कारण सट्टा बाजार ने भी NDA को बढ़त देते हुए जीत की संभावनाओं को ऊंचा बताया है।
महागठबंधन की स्थिति कमजोर होती दिख रही है
दूसरी ओर, कांग्रेस समर्थित महागठबंधन की स्थिति को लेकर सट्टा बाजार में निराशा का माहौल है। ताजा अनुमान के मुताबिक, महागठबंधन को केवल 93 से 96 सीटें मिलने का अनुमान है। यह पिछले चुनाव की तुलना में काफी कम है।
सटोरियों का कहना है कि महागठबंधन की अंदरूनी असहमति, उम्मीदवारों की वोट बंटवारे की रणनीति और जनता से जुड़ाव की कमी इस गिरावट का मुख्य कारण हैं। वहीं, कई जिलों में राजद और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर जारी तनातनी भी गठबंधन की मजबूती पर असर डाल रही है।
प्रचार अभियान का असर सट्टा बाजार पर भी दिखा
जैसे-जैसे मतदान की तारीखें 6 और 11 नवंबर करीब आ रही हैं, दोनों प्रमुख गठबंधन ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। बड़े-बड़े रोड शो, जनसभाएं और सोशल मीडिया कैंपेन लगातार चल रहे हैं। इसी प्रचार का असर अब सट्टा बाजार के भावों में उतार-चढ़ाव के रूप में देखा जा रहा है। सटोरियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह में NDA के पक्ष में भाव और मजबूत हुए हैं, जबकि महागठबंधन के लिए भावों में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। इसका मतलब है कि प्रचार और जनता की प्रतिक्रिया दोनों ही इस बार NDA के पक्ष में झुकते दिखाई दे रहे हैं।
अभी तक व्यक्तिगत उम्मीदवारों पर दांव नहीं
हालांकि, फलोदी सट्टा बाजार ने अब तक किसी व्यक्तिगत उम्मीदवार की जीत या हार को लेकर कोई दांव नहीं लगाया है। सटोरियों का कहना है कि अगले दो से तीन दिनों में चुनावी माहौल और साफ हो जाएगा। इसके बाद ही उम्मीदवार स्तर पर सट्टा शुरू किया जाएगा।
बाजार के जानकारों के अनुसार, जब तक राजनीतिक रैलियों, जनसभाओं और जनमत सर्वे के अंतिम दौर के आंकड़े सामने नहीं आते, तब तक किसी एक उम्मीदवार पर दांव लगाना जोखिम भरा हो सकता है। इसीलिए फिलहाल सारा ध्यान मुख्य गठबंधनों के संभावित प्रदर्शन पर ही केंद्रित है।
राजनीतिक और सट्टा जगत दोनों की निगाहें बिहार पर
अब जब बिहार का चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म है, राजनीतिक पंडितों और सट्टा बाजार दोनों की नजरें इस बार के नतीजों पर टिकी हैं। चाहे वह जनता के रुझान हों या सट्टा बाजार के दांव दोनों में यह साफ झलक रहा है कि NDA फिलहाल बढ़त बनाए हुए है। आने वाले कुछ हफ्ते यह तय करेंगे कि क्या सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित होगा, या फिर महागठबंधन कोई नया चमत्कार दिखाएगा।
