बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सबसे चर्चित राजनीतिक बदलावों में से एक नया “MY” फॉर्मूला रहा, जिसमें M का अर्थ अब “महिला” और Y का अर्थ “यूथ” यानी युवा हो गया। यह बदलाव न केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा है, बल्कि राज्य की सामाजिक, राजनीतिक दिशा में भी एक सकारात्मक मोड़ लाता है।
नया MY फॉर्मूला: पिछला और वर्तमान दृष्टिकोण
बीते कई वर्षों तक “MY” (Muslim-Yadav) समीकरण बिहार की राजनीति का केंद्र रहा है। RJD और महागठबंधन ने मुस्लिम और यादव वोटरों के एकजुट समर्थन के बल पर चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार NDA ने चुनावी समीकरण बदलते हुए MY को नई परिभाषा दी—M यानी महिला और Y यानी युवा।
इस चुनाव में महिलाओं और युवाओं ने रिकॉर्ड मतदान किया। महिला वोटरों ने पुरानी राजनीतिक धारणाओं को चुनौती देते हुए नए नेतृत्व को चुना। बिहार में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से लगभग 10% अधिक था—यह किसी भी राज्य के चुनाव के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसी तरह युवाओं ने भी इस बार ‘समन्वित विकास’, रोजगार और तकनीकी शिक्षा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी और पारंपरिक जातिगत राजनीति से आगे बढ़कर निर्णायक भूमिका निभाई।
ऐतिहासिक जनादेश और संदेश
राज्य की जनता ने NDA को बहुमत देकर देश और दुनिया को यह संदेश दिया कि बिहार में अब सामाजिक न्याय और तुष्टीकरण की जगह प्रभावी सशक्तिकरण, महिला प्रगति और युवा नेतृत्व को महत्व मिलेगा। चुनावी रुझानों में दिखा कि ग्रासरूट स्तर पर महिला सशक्तिकरण की योजनाएं (रोजगार, सुरक्षा, शिक्षा), और युवाओं को तकनीकी, डिजिटल और स्वरोजगार आदि के नए अवसर सरकार की प्राथमिकता रहे।
इस बदलाव का श्रेय नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित NDA नेताओं ने जनता को दिया और जयप्रकाश नारायण व कर्पूरी ठाकुर की सोच को आदरपूर्वक याद किया। चुनाव बाद नेताओं ने खुलकर कहा कि “अब MY—महिला और यूथ का जनादेश” बिहार की विकास यात्रा की नई दिशा है।
राजनीतिक असर
राजनीतिक रूप से इस फॉर्मूले ने जाति और धर्म आधारित चुनावी गणना को काफी हद तक कमजोर किया है। महिला मतदाताओं को सीधा लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं, युवाओं के लिए डिजिटल रोजगार, स्टार्टअप इन्क्यूबेशन, और जागरूकता ने किवल सशक्तिकरण नहीं, बल्कि राजनीतिक भागीदारी को भी नया आयाम दिया है। इससे NDA के पक्ष में निर्णायक वोटिंग देखने को मिली।
