Bihar Cabinet Formula: बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर एनडीए गठबंधन की तस्वीर अब लगभग साफ हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन ने मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय कर लिया है, जिसके अनुसार अनुभवी नेता नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस बार के समीकरण में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को दो उपमुख्यमंत्रियों का पद दिया जाएगा। यह कदम बिहार की सत्ता में बीजेपी की बढ़ी हुई भूमिका और उसके बेहतरीन चुनावी प्रदर्शन को दर्शाता है, जिसने 89 सीटों के साथ दमदार वापसी की है, जबकि जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 85 सीटें मिली हैं। यह ‘यूपी मॉडल’ पर आधारित फॉर्मूला है, जिसका उद्देश्य विभिन्न सामाजिक समूहों और क्षेत्रों को प्रतिनिधित्व देकर संगठन और सरकार के बीच संतुलन स्थापित करना है।
नई सरकार में कुल 31 मंत्री शपथ ले सकते हैं, जिसमें बाद में भरने के लिए 5 पद जानबूझकर खाली छोड़े जा रहे हैं। बीजेपी विधायक दल की आज (17 नवंबर) होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्रियों के नामों पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रह सकते हैं। एनडीए की प्रचंड जीत ने गठबंधन के लिए सत्ता का मार्ग पूरी तरह आसान कर दिया है।
फॉर्मूला और सीटों का बंटवारा
नई व्यवस्था के तहत, Bihar मंत्रिमंडल में 31 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, जेडीयू और बीजेपी को मंत्रियों के पद बराबर-बराबर आवंटित किए जा रहे हैं, यानी दोनों पार्टियों को 13-13 मंत्री पद मिल सकते हैं। यह समान बंटवारा गठबंधन में दोनों प्रमुख दलों के महत्व को रेखांकित करता है।
गठबंधन के अन्य सहयोगी दलों को भी उनकी सीटों के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) [LJP (R)] को तीन मंत्री पद, जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को एक और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को एक मंत्री पद मिलने की संभावना है।
समीकरण में संतुलन और भविष्य की रणनीति
Bihar गठबंधन ने सीटों के आधार पर ‘6 विधायकों पर एक मंत्री’ का फॉर्मूला लागू किया है, जो इस विस्तार का आधार बना है। बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्री बनाने का फैसला संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर संतुलन साधने की रणनीति का हिस्सा है। यह विभिन्न क्षेत्रों और सामाजिक समूहों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का प्रयास है।
एक और अहम फैसला यह लिया गया है कि विधानसभा स्पीकर का पद इस बार बीजेपी कोटे से भरा जाएगा। यह निर्णय बीजेपी की बढ़ी हुई संख्या और गठबंधन में उसकी प्रमुखता को दर्शाता है, जिससे विधानसभा के संचालन पर पार्टी की पकड़ मजबूत होगी।
कुल 36 मंत्री बनाए जा सकने के बावजूद, 5 पद फिलहाल खाली छोड़े जा रहे हैं। यह रणनीतिक कदम भविष्य की राजनीतिक ज़रूरतों और संभावित समायोजनों के लिए जगह बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
आज, 17 नवंबर को सुबह 11 बजे पटना में होने वाली बीजेपी विधायक दल की बैठक बेहद महत्वपूर्ण है, जहां न केवल संभावित मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा, बल्कि दो उपमुख्यमंत्री पदों के लिए नामों पर भी फैसला होने की उम्मीद है। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति संभावित मंत्रियों के चयन पर केंद्र के प्रभाव को दर्शाती है।
प्रचंड जीत से मिला स्पष्ट जनादेश
हालिया Bihar विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है। बीजेपी ने 89 सीटें, जेडीयू ने 85 सीटें, एलजेपी (R) ने 19 सीटें, हम ने 5 सीटें और आरएलएम ने 4 सीटें जीतकर गठबंधन की सरकार बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। यह स्पष्ट जनादेश राज्य में नई सरकार के स्थिर और मजबूत आधार को सुनिश्चित करता है।










