Chirag Paswan Bollywood to Bihar Politics: बॉलीवुड में अपना करियर बनाने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे चिराग पासवान ने शायद ही सोचा होगा कि आगे चलकर वह बिहार की राजनीति का एक बड़ा चेहरा बन जाएंगे। अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा और रोमांस तथा एक्शन से भरी भूमिकाएँ निभाईं, लेकिन फिल्मों में वह वह पहचान नहीं पा सके जिसकी उन्हें उम्मीद थी। हालांकि, किस्मत ने उनकी राह बदल दी और उन्हें राजनीति की दुनिया में ले आई।
फिल्मों का सपना और पिता की विरासत ने बदली दिशा
दिवंगत रामविलास पासवान, जो राष्ट्रीय राजनीति के एक मजबूत और सम्मानित नेता थे, उनके बेटे चिराग ने पहले एक्टिंग को अपना लक्ष्य बनाया। फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ से उन्होंने शुरुआत की, लेकिन बड़े पर्दे पर उनकी यात्रा लंबी नहीं चल सकी। इसी बीच, पिता की विरासत और जनता से जुड़ने का अवसर उन्हें राजनीति की ओर खींच ले गया।
चिराग ने अपने पिता के मार्गदर्शन में धीरे-धीरे राजनीति में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की। उनकी सरलता, स्पष्ट सोच और युवाओं से जुड़ने की क्षमता ने उन्हें बिहार की नई पीढ़ी का पसंदीदा नेता बना दिया। राजनीति में आने के बाद उन्होंने तेजी से अपनी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की कमान संभाली और संगठन को मजबूत किया।
बिहार चुनाव 2025: एलजेपी(आर) का शानदार प्रदर्शन
नवीनतम बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चिराग पासवान की लोकप्रियता और रणनीति का असर साफ दिखाई दिया। एनडीए को भारी बहुमत मिला और एलजेपी(आर) ने 19 सीटें जीतकर बड़ा प्रभाव दिखाया। यह नतीजे बताते हैं कि चिराग केवल अपने पिता की राजनीतिक विरासत के वारिस नहीं, बल्कि जनता के भरोसे से बने एक मजबूत और काबिल नेता हैं। चुनाव जीत के बाद परिवार के साथ मनाया गया जश्न उनके संघर्ष और जनता के विश्वास की जीत का प्रतीक था।
आधुनिक और विकासशील सोच
चिराग पासवान की राजनीति उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है। वह आधुनिक तकनीक, विकास, रोजगार, शिक्षा और स्टार्टअप को लेकर लगातार काम करते हैं। उनकी बातों में पारंपरिक राजनीति की कठोरता नहीं, बल्कि युवाओं के लिए नए अवसरों की बात होती है। इसी वजह से वह बिहार के युवा वर्ग में बेहद लोकप्रिय हैं। आज चिराग पासवान का अधूरा फिल्मी सपना बिहारी राजनीति की नई कहानी लिख रहा है। वह अपनी मेहनत, आधुनिक सोच और जनता के समर्थन से लगातार नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहे हैं।



