Lalu family dispute: बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक घराने में शुरू हुआ विवाद अब और गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे, तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के साथ हुए कथित अपमान पर सार्वजनिक रूप से कड़ा रुख अपनाया है। रोहिणी ने हाल ही में पार्टी के अंदर ‘चप्पल उठाने’ जैसी अपमानजनक स्थिति का सामना करने का बयान दिया था, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर एक भावुक और आक्रामक पोस्ट साझा किया है।
तेज प्रताप ने अपने पार्टी के इंस्टाग्राम हैंडल (janshaktijantadal) के माध्यम से यह गुस्सा व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “कल की घटना ने दिल को भीतर तक झकझोर दिया है। मेरे साथ जो हुआ, वह मैं सह गया…लेकिन मेरी बहन के साथ जो अपमान हुआ, वह किसी भी हाल में असहनीय है।”
This is the HEIGHT of cheapness…
ये नीचता की पराकाष्ठा है! 🤦♂️💔Patna, Bihar: लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य खुलकर कह रही हैं—
“I have no family… Sanjay, Rameez और Tejashwi Yadav ने ही मुझे परिवार से बाहर किया. किसी को जिम्मेदारी नहीं चाहिए।”पूरा देश पूछ रहा है — RJD इस हाल… pic.twitter.com/0392qTynXm
— अखण्ड भारत संकल्प (@Akhand_Bharat_S) November 16, 2025
तेजस्वी के सलाहकारों पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले कुछ चेहरों—संभवतः संजय यादव और रमीज—पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए तेज प्रताप ने उन्हें ‘जयचंद’ करार दिया। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में लिखा, “सुन लो जयचंदों, परिवार पर वार करोगे तो बिहार की जनता तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेगी।”
तेज प्रताप ने रोहिणी आचार्य के उस बयान का विशेष रूप से जिक्र किया, जिसने विवाद को जन्म दिया। उन्होंने आगे लिखा, “जबसे मेरी रोहिणी बहन के चप्पल उठाने की खबर सुनी, दिल की आहत अब अग्नि बन चुकी है। इन चंद चेहरों ने तेजस्वी की भी बुद्धि पर पर्दा डाल दिया है।” यह बयान सीधे तौर पर उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के राजनीतिक फैसलों पर सवाल खड़े करता है।
लालू यादव से हस्तक्षेप की अपील
गुस्साए तेज प्रताप ने अपने पिता Lalu और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए आगे लिखा, “इस अन्याय का परिणाम बेहद भयानक होगा, समय का लेखा-जोखा बड़ा कठोर है।”
तेज प्रताप ने Lalu यादव से भावुक अपील करते हुए लिखा, “पिता जी, एक संकेत दीजिए…आपका केवल एक इशारा, और बिहार की जनता इन जयचंदों को जमीन में गाड़ देने का काम खुद कर देगी।” उन्होंने इस संघर्ष को किसी दल की लड़ाई नहीं, बल्कि “परिवार के सम्मान, बेटी की गरिमा और बिहार के स्वाभिमान की लड़ाई” बताया है।
रोहिणी आचार्य के लगातार सार्वजनिक बयान और तेज प्रताप यादव की यह तीखी प्रतिक्रिया लालू परिवार में मचे गतिरोध और आरोप-प्रत्यारोप को सार्वजनिक स्तर पर खुलकर सामने ला चुकी है। इससे विधानसभा चुनाव के बाद आरजेडी की अंदरूनी राजनीति और अधिक जटिल होती जा रही है, जो पार्टी के भविष्य के लिए चिंता का विषय है।



