Jan Swaraj party: प्रशांत किशोर की हार पर पहली प्रतिक्रिया, हार की ली जिम्मेदारी, बिहार की जनता से मांगी माफ़ी

जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए जनता से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनसे चूक हुई है और वे आत्ममंथन करेंगे। जेएसपी 238 सीटें लड़कर भी एक सीट नहीं जीत सकी।

Prashant Kishor Bihar defeat reaction

Prashant Kishor First Reaction After Defeat:बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी को करारी हार मिलने के बाद प्रशांत किशोर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए पूरी ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है। उन्होंने माना कि वह सरकार बदलने के अपने प्रयास में सफल नहीं हो सके। किशोर ने राज्य की जनता से साफ शब्दों में माफ़ी माँगी और कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, लेकिन कहीं न कहीं कमी रह गई।

प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि जनता को वह यह समझाने में नाकाम रहे कि उन्हें किस आधार पर वोट देना चाहिए और नई राजनीतिक व्यवस्था क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसी बात का मन में भारी बोझ है, इसलिए वह 20 नवंबर को गांधी भितिहरवा आश्रम में एक दिन का मौन व्रत रखेंगे। उनके अनुसार, यह मौन व्रत उनके आत्मचिंतन और प्रायश्चित का हिस्सा होगा।

उन्होंने आगे कहा कि हार बड़ी है, लेकिन इससे हिम्मत टूटने वाली नहीं है। उनका कहना था कि जनता ने एनडीए को स्पष्ट जनादेश दिया है और अब चुनावी वादों को पूरा करना प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिम्मेदारी है। उन्होंने दोहराया कि गलती उनसे हुई है, संगठन से नहीं, और वे अपनी कमजोरियों को दूर कर और मजबूत होकर वापसी करेंगे।

प्रशांत किशोर ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी ने कभी जाति, धर्म या समुदाय के नाम पर राजनीति नहीं की। उन्होंने कहा कि न उन्होंने समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की, न किसी को बांटने का काम किया और न ही वोट खरीदने जैसी गलत हरकतें कीं। उनका कहना था कि गलतियाँ हो सकती हैं, लेकिन अपराध उन्होंने कभी नहीं किया।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर जनता का भरोसा नहीं मिला, तो यह उनकी व्यक्तिगत कमी है। उन्होंने इस बात की सौ प्रतिशत जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि वह लोगों को अपनी बात ठीक से समझा नहीं पाए, और यही उनकी सबसे बड़ी चूक रही।

जेएसपी का प्रदर्शन बेहद कमजोर

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, जिसे कई विशेषज्ञ इस चुनाव में “एक्स फैक्टर” बता रहे थे, 238 सीटों पर चुनाव लड़ने के बावजूद एक भी सीट नहीं जीत सकी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, पार्टी के अधिकांश उम्मीदवार 10 प्रतिशत वोट भी हासिल नहीं कर पाए, जिसके कारण उनकी ज़मानत जब्त हो गई। पार्टी की ओर से सबसे बेहतर प्रदर्शन अभय सिंह का रहा, जो मढ़ौरा सीट से दूसरे स्थान पर रहे। यहां आरजेडी उम्मीदवार जितेंद्र कुमार राय ने उन्हें 27,928 वोटों के अंतर से हराया।

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