Bihar Political Turmoil: तेज प्रताप यादव ने एक लंबी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पार्टी के अंदर बढ़ रही गुटबाजी और दबाव की राजनीति पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने साफ कहा कि यह मामला सिर्फ उनके परिवार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे बिहार की आत्मा से जुड़ा मुद्दा है। उनका आरोप है कि पार्टी में ऐसे लोग सक्रिय हो गए हैं जिनकी नीयत ठीक नहीं है और जो राजनीति में फूट डालने का काम कर रहे हैं।
तेज प्रताप के मुताबिक, कुछ लोग ‘जयचंद जैसी सोच’ के साथ उनके माता-पिता को मानसिक और शारीरिक दबाव में रखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इनमें जरा भी सच्चाई है, तो यह हमला सिर्फ उनके परिवार पर नहीं, बल्कि पूरी आरजेडी की आत्मा पर सीधा वार है।
उन्होंने टिकट बंटवारे पर भी बड़ा आरोप लगाया। तेज प्रताप ने कहा कि टिकट वितरण में कई गड़बड़ियां हुईं। पैसे लेकर टिकट देना, चाटुकारों की राजनीति और मिलाजुला खेल—इन सबने उन पुराने कार्यकर्ताओं को किनारे कर दिया, जिन्होंने पार्टी को आज इस मुकाम तक पहुंचाया। तेज प्रताप के मुताबिक, ऐसे लोग अब लालच और चापलूसी के दम पर पार्टी और घर, दोनों को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार की नीतीश सरकार से इस पूरे मामले की निष्पक्ष, कड़ी और जल्द जांच कराने की मांग की। उनका कहना है कि अगर किसी भी तरह से उनके माता-पिता को परेशान किया गया है, तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सबसे कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। तेज प्रताप ने याद दिलाया कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव पहले से ही अस्वस्थ हैं और इस तरह का दबाव वह बिल्कुल सहन नहीं कर सकते।
उन्होंने साफ कहा कि यदि उनकी बहन, मां या पिता के साथ किसी ने धक्का-मुक्की की, गलत भाषा का इस्तेमाल किया या किसी तरह की मानसिक-शारीरिक तकलीफ़ दी है, तो संजय यादव, रमीज नेमत खान और प्रीतम यादव जैसे नामों पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए और उन्हें जेल भेजा जाए। तेज प्रताप ने यह भी दोहराया कि यह मुद्दा केवल एक घर का नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा का है।





