Zama Khan: A Major Turn in Bihar Politics:बिहार की राजनीति एक बार फिर बड़े मोड़ से गुज़री है। नीतीश कुमार ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर अपने नए कार्यकाल की शुरुआत कर दी है। शपथ ग्रहण समारोह में कई महत्वपूर्ण नेता मौजूद रहे और इसी के साथ नई मंत्रिपरिषद की पूरी तस्वीर भी सामने आ गई।
नई मंत्रिपरिषद की झलक
इस बार कुल 26 मंत्रियों को जगह दी गई है। मंत्रिमंडल में बीजेपी, जेडीयू और सहयोगी दलों के नेताओं को संतुलित रूप से शामिल किया गया है, ताकि हर क्षेत्र और हर समाज का प्रतिनिधित्व हो सके। खास तौर पर अल्पसंख्यक और क्षेत्रीय संतुलन पर अधिक ध्यान दिया गया है।
ज़मा खान दोबारा बने मंत्री
कैमूर के चैनपुर से विधायक ज़मा खान को फिर से मंत्री बनाया गया है। वे अल्पसंख्यक समाज के एक मजबूत और भरोसेमंद चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं। 2020 में बसपा के एकमात्र विधायक बनकर पहचान बनाने वाले ज़मा खान ने अपनी राजनीतिक यात्रा में कई कठिनाइयाँ देखीं, लेकिन हार नहीं मानी। 2021 में जेडीयू में शामिल होने के बाद उन्हें तुरंत अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बनाया गया था। इस बार फिर उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी ने साफ संकेत दिया है कि अल्पसंख्यक समाज में अपनी पकड़ बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है।
ज़मा खान की पृष्ठभूमि
ज़मा खान का जन्म कैमूर जिले के नौघरा गांव में हुआ। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई वाराणसी में पूरी की। उनका परिवार पहले हिंदू राजपूत था, बाद में इस्लाम धर्म अपनाया। आज भी उनके परिवार में दोनों समुदायों से जुड़ाव दिखाई देता है, जो उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि को बेहद अनोखा बनाता है। उन्होंने 2005 में बसपा से राजनीति शुरू की, लेकिन लगातार तीन चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी। 2020 में मिली जीत उनके राजनीतिक करियर की बड़ी उपलब्धि रही।
आर्थिक स्थिति और संपत्ति
ज़मा खान की कुल घोषित संपत्ति लगभग 1.57 करोड़ रुपये है। इसमें कृषि भूमि, पुश्तैनी जमीन, बैंक बैलेंस और कुछ चल-अचल संपत्तियाँ शामिल हैं। उन पर करीब 16.8 लाख रुपये का कर्ज भी है, जिसमें बैंक लोन और अन्य देनदारियां शामिल हैं। उनकी संपत्ति बताती है कि वे बड़े कारोबारी घरानों जैसे धनकुबेर नेता नहीं हैं, बल्कि सामान्य आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले नेता हैं।
नीतीश सरकार की नई टीम
नई सरकार में 26 मंत्रियों की टीम बनाई गई है। बीजेपी की ओर से सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। दोनों नेताओं को उनके संगठनात्मक कौशल और प्रशासनिक अनुभव के लिए जाना जाता है।



