Bihar Exit Poll 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का अंतिम चरण आज समाप्त होने के साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे सुर्खियां बटोर रहे हैं। रिकॉर्ड 67.14% मतदान के बाद ज्यादातर एजेंसीज ने महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम-वीआईपी) को स्पष्ट बहुमत देते हुए 130-145 सीटों का अनुमान लगाया है, जबकि एनडीए (बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी-एचएएम) 85-100 सीटों तक सिमटता दिख रहा है। यह पूर्वानुमान बिहार की राजनीति में बड़ा परिवर्तन का संकेत दे रहे हैं, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कुर्सी खतरे में है।
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को युवा, महिला और अल्पसंख्यक वोटों का जबरदस्त समर्थन मिला। हालांकि, एग्जिट पोल्स की सटीकता पर सवाल हमेशा उठते रहे हैं—2024 के हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों में भी इन्होंने वोटरों की नब्ज पकड़ने में चूक की। असली नतीजे 14 नवंबर को आएंगे, तब तक यह अनुमान राजनीतिक हलचल तेज कर देंगे।

एग्जिट पोल एजेंसीज के अनुमान: महागठबंधन आगे, एनडीए पीछे
प्रमुख एग्जिट पोल एजेंसीज ने महागठबंधन को मजबूत स्थिति में दिखाया है। पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, औसतन 133 सीटें महागठबंधन को, 100 एनडीए को मिलने का अनुमान है। बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें आवश्यक हैं।
एजेंसी | महागठबंधन सीटें | एनडीए सीटें | अन्य सीटें | प्रमुख टिप्पणी |
एक्सिस माई इंडिया | 125-140 | 90-105 | 8-18 | आरजेडी की मजबूत पकड़, ईबीसी वोट बंटा |
चाणक्य स्ट्रैटेजी | 130-145 | 85-100 | 5-10 | युवा मतदाताओं का झुकाव विपक्ष की ओर |
सी-वोटर | 110-120 | 115-125 | 5-10 | ग्रामीण क्षेत्रों में कड़ी टक्कर |
जेवीसी | 135-150 | 80-95 | 5-10 | महिलाओं का 68% समर्थन महागठबंधन को |
पोल ऑफ पोल्स (औसत) | 133 | 100 | 10 | बहुमत के लिए 122 सीटें आवश्यक |
ये आंकड़े शाम 6:30 बजे के बाद जारी सर्वे पर आधारित हैं। एक्सिस माई इंडिया के प्रदीप गुप्ता ने कहा, “रोजगार और पलायन रोकथाम जैसे मुद्दों ने महागठबंधन को बल दिया।”
पार्टीवार सीटों का ब्रेकडाउन: आरजेडी का दबदबा, जेडीयू की फिसलन
महागठबंधन में आरजेडी उभरकर सामने आई है, जिसका अनुमानित आंकड़ा 2020 की तुलना में काफी बेहतर है।
- महागठबंधन:
- आरजेडी (तेजस्वी यादव): 90-105 सीटें (2020 में 75)
- कांग्रेस: 15-20 सीटें (2020 में 19)
- वाम दल: 15-20 सीटें (2020 में 14)
- वीआईपी (मुकेश साहनी): 8-12 सीटें
- एनडीए:
- बीजेपी: 70-80 सीटें (2020 में 74)
- जेडीयू (नीतीश कुमार): 35-45 सीटें (2020 में 43)
- एलजेपी (रामविलास) (चिराग पासवान): 5-8 सीटें
- एचएएम (जीतन राम मांझी): 3-5 सीटें
अन्य पार्टियों जैसे जन सुराज को 5-10 सीटें मिलने का अनुमान है। वोट शेयर में महागठबंधन 45-48%, एनडीए 40-43% और अन्य 9-12% रहने की संभावना है।
ऐतिहासिक संदर्भ: एग्जिट पोल्स की चूकें—बिहार से 2024 तक की कहानी
एग्जिट पोल्स अक्सर वोटर मनोविज्ञान को भांपने में असफल साबित होते हैं। बिहार में अतीत में भी पोलस्टर्स चूके हैं।
- बिहार (2015): पोल ने महागठबंधन को 123 सीटें दीं, लेकिन वास्तव में 178 मिलीं।
- बिहार (2020): पोल में विपक्ष को बढ़त दिखाई गई, पर एनडीए 125 पर सिमटा।
2024 विधानसभा चुनावों में एग्जिट पोल्स की विफलता
2024 के विधानसभा चुनावों ने एग्जिट पोल की सटीकता पर गंभीर सवाल खड़े किए।
- हरियाणा 2024: एग्जिट पोल्स ने कांग्रेस को बहुमत (46-56 सीटें) का अनुमान लगाया, लेकिन बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया और सरकार बनाई।
- झारखंड 2024: एनडीए को 47-50 सीटों की भविष्यवाणी की गई, जबकि इंडिया गठबंधन (जेएमएम-कांग्रेस) ने 56 सीटें हासिल कर पलटवार किया और स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया।
- महाराष्ट्र 2024: पोल्स ने महायुति (एनडीए) को सही भविष्यवाणी (119-135 सीटें) दी, लेकिन यह आंकड़ा वास्तविक 235 में से 132 मिलीं। फिर भी, कई क्षेत्रों में जमीनी नतीजे अनुमान से अलग रहे।
विशेषज्ञों का कहना है कि जातिगत समीकरण, अंतिम घंटे का वोट ट्रांसफर और ग्रामीण-शहरी विभाजन को पूरी तरह से समझ न पाना एग्जिट पोल्स की सबसे बड़ी कमजोरी है।
आगे की राह: 14 नवंबर का ड्रामा
चुनाव आयोग 14 नवंबर को नतीजे घोषित करेगा। तब तक सभी पार्टियां जोड़-तोड़ और लॉबिंग में जुटी रहेंगी। क्या बिहार में तेजस्वी का सूरज उगेगा या नीतीश का सुशासन बचेगा? इंतजार ही समाधान है।
(डिस्क्लेमर: एग्जिट पोल केवल संकेतक मात्र हैं। अंतिम नतीजे भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किए जाएंगे।)



