Bihar: जेडीयू के नवनिर्वाचित सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने सीतामढ़ी (Bihar) में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वे मुसलमानों और यादवों का कोई काम नहीं करेंगे। बताया गया है कि लोकसभा चुनाव में इन समुदायों से वोट नहीं मिलने के कारण देवेश चंद्र ठाकुर आहत हैं।
उन्होंने कहा कि 22 साल की राजनीतिक सक्रियता के दौरान उन्होंने यादव और मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे ज्यादा काम किया, लेकिन चुनाव में इन्हीं लोगों ने बिना किसी कारण के उन्हें वोट नहीं दिया।
JDU सांसद का विवादित बयान
जेडीयू सांसद ने आगे कहा कि अगर भविष्य में इस समुदाय के लोग काम कराने आएंगे, तो वे उन्हें चाय नाश्ता जरूर कराएंगे, लेकिन उनका काम नहीं करेंगे। वे सीतामढ़ी (Bihar) से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं और बिहार विधान परिषद के सभापति भी हैं।
सीतामढ़ी में प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले आयोजित अभिनंदन समारोह में देवेश चंद्र ठाकुर का दुख छलक पड़ा और उन्होंने खुले मंच से कह दिया कि अब वे यादव और मुसलमानों के लिए कोई काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि यादव और मुसलमान समाज के लोग काम करवाने आएं, तो जरूर आएं, लेकिन चाय नाश्ता करके वापस चले जाएं।
ठाकुर ने बताया कि एनडीए के वोटों में से कितना नुकसान हुआ है, इसका कोई उचित कारण नहीं है। सुरी और कलवार समाज का आधे से अधिक वोट कट गया, कुशवाहा समाज का वोट अचानक कट गया, जबकि यह सब एनडीए का वोट था। उन्होंने कहा कि कुशवाहा समाज लालू प्रसाद द्वारा सात उम्मीदवारों को टिकट देने से खुश हो गया था।
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JDU सांसद का वायरल हुआ वीडियो
उन्होंने आगे कहा कि कुशवाहा समाज इतना स्वार्थी हो गया है। इस समाज के बीजेपी से डिप्टी सीएम हैं और अगर उपेंद्र कुशवाहा जीत गए होते, तो वे केंद्रीय मंत्री बन सकते थे। ठाकुर ने कहा कि अगर कुशवाहा समाज से पांच या सात लोग भी एमपी बन जाते, तो इसका सीतामढ़ी में क्या फर्क पड़ता।
ठाकुर ने कहा कि अगर मैं कहूं कि कुशवाहा समाज के लोग अपना काम कराने के लिए लालू प्रसाद के उम्मीदवारों के पास जाएं, तो कैसा लगेगा। उन्होंने बताया कि एक मुस्लिम शख्स कुछ काम कराने के लिए आए थे, लेकिन ठाकुर ने स्पष्ट कर दिया कि पहली बार आने के कारण ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा, वरना मैं छोड़ता नहीं। शख्स ने स्वीकार किया कि उसने वोट लालटेन को दिया था।
इस पर ठाकुर ने कहा कि आए हैं तो चाय नाश्ता करें और चलते बनें, आपका काम नहीं करेंगे। जब आपको तीर में नरेंद्र मोदी का चेहरा दिखा, तो मैं क्यों आपके चेहरे में लालटेन या लालूजी का चेहरा न देखूं और आपका काम करूं? यादव और मुसलमानों का मेरे दरवाजे पर स्वागत है, वे आएं, बैठें और चाय नाश्ता करें, लेकिन काम की बात नहीं करें, उनका काम मैं नहीं करूंगा।