नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भीषण ट्रेन हादसा हो गया। यहां लालखदान के पास हावड़ा रूट पर चल रही पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी के बीच आमने-सामने टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त भी कि मेमू के कई कोचों के परखच्चे उड़ गए। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतरने के कारण यात्रियों में दहशत फैल गई। मिली जानकारी के मुताबिक कई लोगों के मरने की खबर है।
रेलवे प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू टीम और मेडिकल यूनिट को मौके पर भेजा है। स्थानीय प्रशासन भी सहायता के लिए पहुंचा। हादसे के कारण पूरे रूट पर ट्रेन परिचालन पूरी तरह ठप हो गया। कई ट्रेनों को रद्द या रूट डायवर्ट कर दिया गया। यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। फिलहाल रेलवे की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हादसे में कम से कम तीन यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में कुछ की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मेमू ट्रेन हावड़ा की ओर जा रही थी, तभी विपरीत दिशा से आ रही मालगाड़ी से उसकी भिड़ंत हो गई। टक्कर के बाद मेमू ट्रेन का आगे का डिब्बा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि मालगाड़ी के इंजन में भी गंभीर नुकसान पहुंचा। पटरी से उतरे डिब्बों ने आसपास के क्षेत्र को युद्धक्षेत्र जैसा बना दिया। यात्रियों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें और धुएं का गुबार पूरे इलाके में फैल गया। कई यात्री डिब्बों में फंस गए थे, जिन्हें स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मियों ने किसी तरह बाहर निकाला। रेलवे प्रशासन ने तुरंत हादसे की सूचना मिलते ही आपातकालीन टीमों को रवाना कर दिया।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, घायलों के इलाज के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। बिलासपुर के सरकारी और निजी अस्पतालों में विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं, जहां डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों की देखभाल कर रही है। रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि परिजन अपने यात्रियों की जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, एनडीआरएफ और स्थानीय रेस्क्यू टीम्स मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं। पटरी से उतरे डिब्बों को हटाने और क्षतिग्रस्त ट्रैक की मरम्मत के लिए क्रेन और मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हादसे के कारण हावड़ा रूट पर ट्रेन परिचालन पूरी तरह ठप हो गया है। कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कुछ को वैकल्पिक रूटों से डायवर्ट किया जा रहा है। रेलवे ने यात्रियों से धैर्य बनाए रखने और अपडेट्स के लिए आधिकारिक वेबसाइट या ऐप चेक करने की अपील की है। प्रारंभिक जांच में सिग्नल फेलियर या मानवीय भूल को हादसे का कारण माना जा रहा है, लेकिन विस्तृत जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमिटी गठित की गई है। रेल मंत्री ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को मुआवजे की घोषणा की है।
बता दें, पिछले कुछ वर्षों में ऐसे दुर्घटनाओं में कमी आई है, लेकिन तकनीकी खामियां और व्यस्त रूट्स पर दबाव अभी भी चुनौती बने हुए हैं। रेलवे को सिग्नल सिस्टम को और मजबूत करने, ट्रेनों की स्पीड कंट्रोल और स्टाफ ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। घायलों की जल्द स्वस्थ होने और हादसे की गहन जांच की उम्मीद है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां रोकी जा सकें। फिलहाल, राहत कार्य जारी हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।



