Bilkis Bano: बिलकिस के गुनहगारों की रिहाई पर SC का गुजरात और केंद्र सरकार को नोटिस

Bilkis Bano: बिलकिस बानो के मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा की पीठ के सामने वकील कपिल सिब्बल ने मामले में बहस की. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा दंगों के दौरान 14 लोगों की हत्या और महिलाओं के सामूहिक बलात्कार के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों को सजा में छूट देने पर गुजरात सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है. मामले में अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद की जाएगी.

इससे पहले गुजरात सरकार ने कहा था कि गुजरात में 2002 के दंगों के बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले सभी 11 दोषियों को 2008 में दोषी ठहराए जाने के समय गुजरात में प्रचलित माफी नीति के तहत रिहा किया गया है. गुजरात सरकार के गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी 16 अगस्त को दी थी. उन्होंने मामले में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के उल्लंघन के दावों को खारिज कर दिया था.

2008 में मिली थी उम्रकैद की सजा

मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को इन 11 लोगों को रेप और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उनकी दोषसिद्धि को बंबई उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था. बिलकिस बानो के साथ जब सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस वक्त वह 21 वर्ष की थी और उसे पांच महीने का गर्भ था. मारे गए लोगों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.

15 अगस्त को रिहा हुए थे दोषी

इस साल जून में केंद्र सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के जश्न के मद्देनजर कैदियों की रिहाई से संबंधित विशेष दिशा निर्देश राज्यों को जारी किए थे. इसमें बलात्कार के दोषियों के लिए समय पूर्व रिहाई की व्यवस्था नहीं थी.बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी सभी 11 लोगों को भाजपा नीत गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत सजा माफी दे दी थी, जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-कारागार से रिहा कर दिया गया.

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