भारत ने चांद पर सफलतापूर्वक चंद्रयान -3 को लैंड करा दिया है। इस गौरवशाली पल के साक्षी करोड़ों भारतीय बने। लैंडर मॉड्यूल ने बड़ी सावधानी से चांद की सतह पर कदम रखा। इसरो के वैज्ञानिक अग्नि परिक्षा में कामयाब रहे। अब असली चंद्रयान मिशन शुरू होगा। इन सब के बीच कई लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अब तो भारत की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग हो गई है तो उसका अगला कदम क्या होगा? तो इसका जवाब हम आगे देने वाले हैं। बता दें कि विक्रम लैंडर के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग के साथ ही भारत समेत दुनिया की मून मिशन पर प्रगति और संभावनाओं के अनेक द्वारा खुल गये हैं। लैंड होने के लगभग दो घंटे के कूलिंग ऑफ पीरियड के बाद विक्रम के अंदर से प्रज्ञान रोवन बाहर निकला और चांद की सतह पर चलेगा।
जानिए प्रज्ञान में क्या खास बातें हैं
1. प्रज्ञान रोवर जब चंद्रमा की सतह पर चलेगा तो वहां पर दो प्रतिक्रियाएं होंगी। पहली तो वह जितनी भी दूर चलेगा तो चलने के साथ ही वह भारत का आधिकारिक अशोक चिन्ह और इसरो का प्रतीक उकेरता हुआ चलेगा। दूसरा वह इसरो वैज्ञानिकों के दिशा निर्देशों का पालन करेगा।
2. बता दें कि इसरो वैज्ञानिकों ने प्रज्ञान को चंद्रमा की सतह की प्रकृति और प्रवृति समझने के लिए वैज्ञानिक प्रयोग करने को कहा हैं। इन प्रयोगों से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर वैज्ञानिकों को जीयोलॉजिकल प्रकृति को समझने में मदद मिलेगी।
चांद पर पानी भी ढूंढेगा प्रज्ञान?
प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर पानी की भी खोज करेगा ताकि ये पता चल पाए की चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी है या फिर नहीं। अगर चांद में पानी मिलता है या पानी की संभावना भी दिखती है तो चांद पर भी मानव जीवन के लिए संभावनाएं बढ़ जाएंगी। चंद्रॅयान-3 की सफलता प्रज्ञान के भेजे गए वैज्ञानिक अनुसंधान और उसकी जानकारियां चांद के अगले मिळन के लिए आवश्यक जमीन तलाश करेंगी। चंद्रयान -3 मिशन के साथ ही इसरो की एक टीम जापान के वैज्ञानिकों के सात मिलकर चंद्रयान-4 मिशन पर पहले से काम कर रही है।
चंद्रयान-3 मिशन अंतरिक्ष पर एक चंद्र दिन ही काम करेगा। एक चंद्र दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। इस रोवर को 14 दिन काम करने के लिए ही डिजाइन किया गया है। हालांकि बहुत संभावना इस बात की भी है कि रोवर इस समय सीमा को पार कर जाए। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों इन 14 दिनों को चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक गतिविधियों की खोज करते हुए अपना समय बिताएंगे. जहां रोवर प्रज्ञान में बैटरी लगी हुई है तो वहीं लैंडर विक्रम में सोलर पैनल लगे हुए हैं. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि एक बार बैटरी खत्म हो जाने पर लैंडर से दुबारा संपर्क नहीं हो सकेगा.