इंडिया नाम भारत को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। बता दें कि इस बहस की शुरूआत राष्ट्रपति भवन से आए निमंत्रण पत्र से हुई, जिसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा था। वहीं इस निमंत्रण के सामने आने के बाद ही विपक्ष हमलावर हो गया। ‘I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं का दावा है कि इंडिया या भारत वाली बहस के पीछे बीजेपी का डर है, तो वहीं बीजेपी नेता इसे गुलामी की मानसिकता पर चोट बता रहा है। लेकिन इस सब के बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने देश की नाम बदलने की चर्चा के बीच अहम प्रतिक्रिया दी है।
विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी को मौका दिया- मायावती
बता दें कि पूर्व सीएम ने कहा है कि इस मामले में पक्ष और विपक्ष एक साथ हैं। दोनों की इस मामले में मिलीभगत है। बसपा इसका समर्थन नहीं करती है। इसके अलावा मायावती ने I.N.D.I.A गठबंधन के नाम पर भी सवाल किया। मायावती ने कहा कि विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी को मौका दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि इस चर्चा के चलते खास और जरूरी मुद्दे दरकिनार कर दिया गया है। इसलिए हमारी पार्टी का इन दोनों गठबंधनों और I.N.D.I.A से हमारी दूरी जनहित के लिए है। मायावती ने आगे कहा कि अगर बीजेपी को विपक्षी गठबंधन के नाम से से आपत्ति थी तो इन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए था।
संविधान के छेड़छाड़ का मौका न दें- मायावती
वहीं आपतो बता दें कि बसपा चीफ ने कहा है कि इस मुद्दे पर जो संकीर्ण राजनीति की जा रही है वो गलत है। हम मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट खुद ही इस पुरे मामले का संज्ञान ले। उन्होंने आगे कहा कि सर्वौच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर ऐसे नाम रखने वाले संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए जो देश के नाम पर बने है। अन्यथा इससे देश की गरिमा को भी काफी ठेस पहुंचेगी. विपक्ष और सत्ता पक्ष द्वारा देश के नाम पर की जा रही संकीर्ण राजनीति करने से किसी को भी संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका मिल जाएगा।