Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) की सरकार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने राज्य में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस के पक्ष में जाने का फैसला लिया है।
बता दें कि सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने हरियाणा में बीजेपी (CM Nayab Singh Saini) से अपना समर्थन वापस ले लिया है। उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा और राज्य कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीनों विधायकों ने यह घोषणा की। गोंदर ने कहा कि “हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। हम कांग्रेस को अपना समर्थन दे रहे हैं। हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है।”
कांग्रेस प्रमुख उदय भान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों- सोमबीर सांगवान, रणधीर सिंह गोलेन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है।
‘तुरंत विधानसभा चुनाव होने चाहिए’
उदय भान ने आगे कहा कि “मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा में वर्तमान सदस्य 88 है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं। भाजपा सरकार को पहले जेजेपी विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जेजेपी ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी अपना समर्थन वापस ले रहे हैं।
कांग्रेस प्रमुख ने आगे कहा कि “नायब सिंह सैनी सरकार अब अल्पमत सरकार है। सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी रहने का अधिकार नहीं है। अब विधानसभा चुनाव तुरंत होने चाहिए।”
मामले में सैनी ने क्या कहा? (Nayab Singh Saini)
वहीं इस मामले में सीएम सैनी ने कहा कि “मुझे यह जानकारी मिली है। शायद कांग्रेस कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी हुई है। अब कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से कोई लेना-देना नहीं है।”
बहुमत से कम बीजेपी का आंकड़ा
बता दें कि हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटे हैं। यहां का बहुमत का आंकड़ा 46 है। यानी किसी भी दल को सरकार बनाने लिए कम से कम 46 विधायकों की जरूरत है। अब तीन विधायक के जाने से हरियाणा में बीजेपी का बहुमत का आंकड़ा कम हो गया है।