Akash Anand: क्या बसपा सुप्रीमो ने शब्दों के चयन से नाराज थीं? मायावती ने आकाश आनंद से राजनीतिक उत्तराधिकार वापस क्यों लिया?

Akash Anand:बसपा की अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के पद से हटाकर उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस ले लिया है।

Akash Anand: बसपा की अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर के पद से हटाकर उन्हें अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस ले लिया है। बसपा अध्यक्ष के शब्दों का चयन, जो उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों की चुनावी जनसभाओं में आक्रामकता दिखाते हुए मोदी-योगी सरकार पर तीखे हमले करते हुए किया था, उनसे नाराज था।

मायावती ने कहा कि आकाश को पार्टी और आंदोलन के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक दोनों महत्वपूर्ण कर्तव्यों से अलग किया जा रहा है। जैसे पहले, आकाश के पिता आनंद कुमार पार्टी में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद मिला है।

उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद सक्रियता बढ़ी

Akash को 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार बसपा अध्यक्ष ने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक (राष्ट्रीय समन्वयक) का पद दिया गया था। लंदन से एमबीए करने वाले आकाश ने राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनने के बाद से ही दूसरे राज्यों में काम किया था, लेकिन बसपा प्रमुख के राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद से उनकी सक्रियता काफी बढ़ गई थी।

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मायावती ने उत्तराधिकारियों को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से बाहर पार्टी को मजबूत करने का काम सौंपा था, लेकिन आकाश ने 18वीं लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भी बहुत सक्रियता दिखाई।

मायावती ने मंगलवार रात 9.37 बजे इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक के बाद एक तीन ट्वीट करके आकाश आनंद को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर और अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा को वापस ले लिया।

सामूहिक बैठकों में आकाश की आक्रामकता

आकाश आनंद को अचानक दोनों पदों से हटाने के पीछे कई तरह की चर्चा होती है, लेकिन बसपा प्रमुख का मानना है कि वह मोदी-योगी सरकार पर तीखे हमले करते हुए चुनावी जनसभाओं में आक्रामकता दिखाते हुए उनके शब्दों को चुना था।

पार्टी के नेताओं का कहना है कि बहन जी राजनीतिक शुचिता का पूरा ध्यान रखती हैं, यद्यपि छह अप्रैल से प्रदेश में चुनावी जनसभाएं कर रहे आकाश ने अपने भाषण में जो भाषा का उपयोग किया, उससे मायावती असहज हो गई।

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आकाश को दिल्ली भेजा, रैलियों को रद्द कर दिया

यह भी कहा जाता है कि आकाश को भाषा को नियंत्रित करने को कहा गया, लेकिन वह नहीं रुके। मायावती को सीतापुर की रैली में आकाश से गद्दारों और आतंकवादियों की सरकार बताने से लेकर जूता मारने जैसी भाषा सुनकर उनका गुस्सा बढ़ गया।

मायावती ने आकाश के भाषण को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनके साथ ही पार्टी के चार लोकसभा प्रत्याशियों पर एफआईआर दर्ज करने के बाद उनकी सभी रैलियां रद्द कर दीं। आकाश को राज्य से बाहर नई दिल्ली भेजा गया था।

पिछले वर्ष की घोषणा

कांशीराम की राजनीतिक विरासत संभालने वाली मायावती ने पिछले वर्ष 10 दिसंबर को अपने छोटे भाई आनंद कुमार के 29 वर्षीय बेटे आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाया।

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