अयोध्या और अवधेश बने अखिलेश के रोल मॉडल, संसद से कैसे मैनेज कर रहे हैं यूपी की राजनीति

2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, अब से 3 साल बाद। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त ने सपा को उत्साहित कर दिया है, हालांकि अखिलेश यादव की पार्टी विधानसभा में फिलहाल दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।

Akhilesh Yadav: लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार संसद में बोलते हुए अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश को साधने की कोशिश करते नजर आए। अखिलेश के 29 मिनट के भाषण में उत्तर प्रदेश, अयोध्या, काशी और अवधेश प्रसाद छाए रहे। इस दौरान उन्होंने एक दोहे और कविता के जरिए सरकार को घेरने की भी कोशिश की।

अयोध्या में अपनी जीत पर भी अखिलेश ने बीजेपी की आलोचना करने का मौका नहीं छोड़ा। उन्होंने अवधेश प्रसाद की जीत को भगवान राम का संदेश बताया। उत्तर प्रदेश में अब से 3 साल बाद यानी साल 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अखिलेश यादव की पार्टी फिलहाल विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त ने सपा को उत्साहित कर दिया है। 2024 में यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से सपा ने 37, बीजेपी ने 33 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीती हैं। जयंत चौधरी की आरएलडी ने 2 और अनुप्रिया पटेल की पार्टी ने एक सीट जीती है।

Akhilesh Yadav

अखिलेश के भाषण में सिर्फ यूपी, 7 बिंदु

1. यूपी की 1 ट्रिलियन इकोनॉमी पर निशाना

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए अखिलेश ने सबसे पहले इकोनॉमी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने ट्रिलियन इकोनॉमी की बात कही है। इतना तो मुझे नहीं पता, लेकिन यूपी में भी 1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की बात हो रही है, लेकिन कोई यह नहीं बता पा रहा है कि यह कैसे होगा?

उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 35 फीसदी सालाना ग्रोथ जरूरी है, जो यूपी में कहीं नजर नहीं आ रही है।

अखिलेश ने आगे कहा कि बिना व्यक्तिगत आय बढ़ाए क्या आप देश को ट्रिलियन इकोनॉमी बना पाएंगे और हां, यह बताइए कि यूपी में प्रति व्यक्ति आय कितनी है? Akhilesh Yadav ने हंगर इंडेक्स के जरिए भी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हम इसमें सबसे निचले पायदान पर हैं और ट्रिलियन इकोनॉमी की बात कर रहे हैं।

अखिलेश अपने भाषण के इन बिंदुओं के जरिए यूपी की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को मुद्दा बना रहे थे।

2. अयोध्या के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर कटाक्ष

अपने भाषण के दौरान अखिलेश ने अयोध्या के विकास को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पहली बारिश में ही छत से पानी टपकने लगा है। आप ही बताइए, किस तरह का बुनियादी ढांचा विकास हुआ है?

उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या में सड़कें और दीवारें भी टूट गई हैं, लेकिन सवाल यह है कि जो सरकार विकास का श्रेय लेती थी, क्या वही सरकार इस विनाश की जिम्मेदारी लेगी? अखिलेश अयोध्या की दुर्दशा की ओर इशारा कर रहे थे, जहां से हाल ही में रामपथ और स्टेशन की दीवार टूटने की खबर आई थी।

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3. वाराणसी की गंदगी और गंगाजल पर हमला

अखिलेश ने अपने भाषण में वाराणसी की गंदगी और गंगाजल को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वाराणसी के लोग क्योटो की फोटो वाले शहर को खोज रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ कीचड़ ही मिल रहा है।

Akhilesh Yadav ने आगे कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि गंगाजल कब साफ हो रहा है। गौरतलब है कि वाराणसी और उसके आसपास के इलाकों में गंगा की सफाई एक बड़ा मुद्दा रहा है। बीजेपी ने 2014 में इसे अपने घोषणापत्र में भी शामिल किया था।

4. अवधेश की जीत को जीत की ट्रॉफी के रूप में पेश किया

अखिलेश ने अपने संबोधन में अयोध्या विजय का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश एक जीत की चर्चा कर रहा है, भाजपा वाले समझ गए हैं। हम अयोध्या से मोहब्बत का पैगाम लेकर आए हैं। अखिलेश के इतना कहते ही फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद खड़े हो गए और सभी का अभिवादन करने लगे।

संबोधन के दौरान अखिलेश ने कहा कि भगवान राम ने संदेश दिया है- जिसे राम ने बनाया है, वही बनो और जो उसे लाने की बात करते हैं, वे खुद दूसरों के भरोसे आ गए हैं।

उस समय उन्होंने एक शेर भी पढ़ा: “हुजूर-ए-वाला आज तक खामोश बैठे इसी दुःख में, महफिल लूट ले गया कोई जब सजाई हमने

5. उत्तर प्रदेश राज्य के आदर्श गांवों में क्या बदलाव हुआ?

Akhilesh Yadav ने अपने संबोधन के दौरान सरकार से पूछा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में आदर्श गांवों का जिक्र क्यों नहीं है? उन्होंने कहा कि यूपी में मुख्यमंत्री समेत कई सांसदों ने गांव गोद लिए थे, आज कोई सांसद उन गांवों का नाम भी नहीं जानता होगा।

अखिलेश ने आगे कहा कि अगर किसी को नाम पता भी हो तो न बताए, वरना लोग उसका मजाक उड़ाएंगे कि गांव का नाम पता है फिर भी काम नहीं किया।

6. एक्सप्रेस-वे के जरिए गिनाई अपनी उपलब्धियां

Akhilesh Yadav अपने संबोधन में अपने कामों का जिक्र करने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि हमने जो एक्सप्रेस-वे बनाया था, उस पर सेना का विमान उतरा, लेकिन आज की सरकार वहां सड़कें बनाती है, नावें उतारती है।

अखिलेश के मुताबिक, सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर यूपी में लोगों से बुनियादी सुविधाएं भी छीन ली हैं।

7. आवारा पशुओं और गन्ना भुगतान के जरिए किसानों को खुश किया

Akhilesh Yadav ने संसद में यूपी में आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कई बार इसका वादा कर चुके हैं, लेकिन अब वह खुद इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं।

यूपी में आवारा पशु बड़ी समस्या हैं, खासकर तराई बेल्ट और पूर्वांचल में। भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में इसका समाधान निकालने का वादा किया था।

Akhilesh Yadav ने अपने संबोधन में गन्ना किसानों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी भी किसानों का भुगतान रोक रखा है। मंत्री को जवाब देना चाहिए कि यह कब होगा।

उन्हें किसानों की आय दोगुनी करने का भी लक्ष्य था। आज की महंगाई को देखते हुए, अखिलेश ने कहा कि किसानों की दोगुनी आय कितनी होगी?

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