Arvind Kejriwal : CM केजरीवाल के जेल से छूट जाने के बाद कोर्ट ने लगाई इन कामों पर लगाम

जेल से रिहाई देने के बाद केजरीवाल पर कोर्ट ने 5 शर्तें मुख्य लागू की हैं।

CM Arvind Kejriwal, Delhi, Lok Sabha Election 2024

नई दिल्ली : देखा जाए तो कल का दिन दिल्ली के सीएम केजरीवाल के लिए अत्यंत शुभ साबित हुआ। मनी लांड्रिंग मामले में कैद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कल ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम ज़मानत दे दी है वे अब जेल से कुछ निर्धारित समय के लिए बाहर गए हैं। कोर्ट के मुताबिक केजरीवाल सिर्फ 2 जून तक ही जेल से बाहर रहते हुए चुनावी प्रक्रिया में भाग भी ले सकते हैं।

केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जब जेल से रिहाई मिली तो इसके बाद रास्ते में जाते वक्त उन्होंने बीच में गाड़ी रुकवाकर उनके सभी सपोर्टर्स और भारी संख्या में लोगों की जमा भीड़ को संबोधित किया। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मनी लांड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में 22 मार्च से कैद थे और अब उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दी है और वो करीब 39 दिनों तक जेल में रहने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं।

जेल से बाहर आने के बाद जब वो अपने घर पहुंचे तो परिवार के सभी लोग उन्हें देख कर भावुक हो गए और उनकी मां ने उनके गले में फूलों की माला डाल और पूजा की थाली लेकर खुशी के साथ उनका भव्य स्वागत किया। लेकिन केजरीवाल भले ही तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हों लेकर कोर्ट ने उनको जेल से बाहर हो जाने के बाद भी खुल्ली छूट नहीं दी है। कोर्ट ने केजरीवाल पर लगाम लगाते हुए उन पर कुछ शर्तें लागू की हैं और इसी के साथ कुछ ऐसी चीज़ें है जो सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर रहने के बावजूद भी नहीं कर सकेंगे।

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केजरीवाल जेल से बाहर जान के बाद नहीं कर सकेंगे ये 4 काम

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को तिहाड़ जेल से अंतरिम ज़मानत मिल चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी केजरीवाल पर कोर्ट ने अपना शिकंज़ा कसा हुआ है. जेल से बाहर आ जान के बावजूद भी कुछ ऐसे कुछ ऐसे काम हैं जो केजरीवाल नहीं कर सकेंगे। आइए आपको बताते हैं कि सीएम केजरीवाल के किन कामों पर रहेगी रोक –

  1. केजरवील अपने मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे।
  2. सचिवालय जाने पर भी रोक रहेगी।
  3. सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकेंगे।
  4. केजरीवाल मनी लांड्रिंग केस के किसी भी गवाह के संपर्क में नहीं आएंगे।

ये सभी चार पाबंदिया हैं जो केजरीवाल पर लगाई गई हैं इनमें से एक है कि केजरीवाल किसी भई सरकार दस्तावनेज़ पर अपने हस्ताक्षर नहीं करेंगे। लेकिन अगर किसी स्थिति में उपराज्यपाल को लगता है कि किसी फआइल पर मुख्यमंत्री के साइन होने अनीवार्य हैं। तब वो अपने सिग्नेचर कर सकते हैं।

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