Ballia: समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में आखिरी चरण की वोटिंग से पहले बड़ा झटका लगा है। सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी। नारद की घोषणा के साथ ही उनके अगले कदम पर बहस शुरू हो गई है। सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी नारद राय ने मुलाकात की है। दोनों नेताओं की वाराणसी में हुई मुलाकात की एक तस्वीर भी सामने आई है।
मैं लड़ता हूँ तो – ताल ठोक कर लड़ता हूँ!
मदद करता हूँ तो – ताल ठोक कर करता हूँ!
और विरोध भी करता हूँ तो – ताल ठोक कर करता हूँ!
नारद है श्री राम का,
नारद है माँ भारती का। 🙏🏻 pic.twitter.com/j9dKVzPPMu— Narad Rai (Modi Ka Parivar) (@NARADRAIBALLIA) May 28, 2024
अमित शाह से मुलाकात के बाद चर्चा है कि नारद बीजेपी में जल्द ही शामिल होंगे। नारद राय अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और सपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वो इस बार बलिया से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी पार्टी ने उनका टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वे परेशान रहे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि नारद राय भी बुधवार, यानी 29 मई को बलिया में होने वाली अमित शाह की रैली में शामिल हो सकते हैं, जहां वे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
अखिलेश यादव को बदनाम करने का आरोप
नारद राय ने कहा कि मैं रविवार को अखिलेश यादव के मंच पर अपमानित हुआ। समाजवादी पार्टी से हम नहीं हैं। आज शिवपाल सिंह यादव फोन करते तो मैं यह निर्णय नहीं लेता था। वर्तमान विधायक और समाजवादी पार्टी का जिला अध्यक्ष संग्राम सिंह ने उनके खिलाफ साजिश की है। समाजवादी पार्टी छोड़ने पर मुझे खेद है।
दुनिया में भारत का डंका बजाने वाले मा• प्रधानमंत्री श्री .@narendramodi जी और भारत के यशस्वी गृह मंत्री, राजनीति के चाणक्य मा• @AmitShah जी के संकल्प की समाज के अंतिम पंक्ति में बसे ग़रीब को मज़बूत करने वाली सोच और राष्ट्रवादी विचारधारा को मज़बूत करूँगा।
जय जय श्री राम। 🙏🏻 pic.twitter.com/ACrwKXfUKg— Narad Rai (Modi Ka Parivar) (@NARADRAIBALLIA) May 27, 2024
उन्होंने मुलायम सिंह यादव को बताया कि उनके राजनैतिक पिता को राजनीति में और घर में कोई पूछने वाला नहीं मिलता जब वह मर जाता है। आज कल के बाद भी अखिलेश यादव को कोई नहीं पूछेगा। उनका कहना था कि वे राजनारायण और जनेश्वर मिश्र के सिद्धांतों को अपनाकर राजनीति करेंगे। मैं बदनाम किया गया और मेरी राजनीति को समाप्त करने की कोशिश की गई।
नारद राय बलिया नगर सीट से दो बार विधायक रहे हैं
नारद राय दो बार बलिया नगर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। भूमिहार समाज उनका मूल है। उन्हें पूर्वांचल के भूमिहारों में भी अच्छी पकड़ है। विशेष रूप से बलिया में, वे सपा के विरोधी नेताओं में से एक थे। नारद राय को भी सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के करीबी बताया जाता था। इसके कारण उन्हें भी अखिलेश यादव कैबिनेट में स्थान मिला। 2002 में पहली बार विधायक बने थे, फिर 2012 में विधायकी जीतकर मंत्री बने।
स्व• नेता जी का सेवक रहा हूँ, नेता जी ने कहा था यदि अपने लोगों के सम्मान पर आँच आये तो किसी से भी बग़ावत कर जाना लेकिन झुकना मत!
नेता जी आपका दिया गुरु मंत्र अंतिम सांस तक याद रखूँगा और अपने लोगों के लिए सदैव लड़ूँगा!
जय बाग़ी बलिया, जय राजनारायण, जय जनेश्वर, जय मुलायम! 🙏🏻🙏🏻 . pic.twitter.com/jjY6tylDOR— Narad Rai (Modi Ka Parivar) (@NARADRAIBALLIA) May 27, 2024
बलिया सीट से सनातन पांडेय हैं
सनातन पांडेय को समाजवादी पार्टी ने इस बार बलिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। 2019 में, सतनद पांडेय भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन 15519 वोटों से हार गए। बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी। पार्टी ने पिछले चुनाव में जीत और हार के अंतर को देखते हुए एक बार फिर से सनातन पांडेय को मैदान में उतारा है।