Ballia: बलिया में अखिलेश को हराने के बाद पूर्व मंत्री नारद राय, हो सकते हैं BJP में शामिल 

Ballia: 1 जून को लोकसभा चुनाव की आखिरी चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों पर मतदान होना है। अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी को वोटिंग से पहले ही पूर्व मंत्री नारद राय ने धक्का लगाया है। नारद राय दो बार बलिया से विधायक रहे हैं और यूपी में अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

Ballia:  समाजवादी पार्टी को पूर्वांचल में आखिरी चरण की वोटिंग से पहले बड़ा झटका लगा है। सोमवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी छोड़ दी। नारद की घोषणा के साथ ही उनके अगले कदम पर बहस शुरू हो गई है। सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी नारद राय ने मुलाकात की है। दोनों नेताओं की वाराणसी में हुई मुलाकात की एक तस्वीर भी सामने आई है।

 

अमित शाह से मुलाकात के बाद चर्चा है कि नारद बीजेपी में जल्द ही शामिल होंगे। नारद राय अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और सपा के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वो इस बार बलिया से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन उनकी पार्टी ने उनका टिकट नहीं दिया, जिसकी वजह से वे परेशान रहे। सियासी गलियारों में चर्चा है कि नारद राय भी बुधवार, यानी 29 मई को बलिया में होने वाली अमित शाह की रैली में शामिल हो सकते हैं, जहां वे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।

Ballia

अखिलेश यादव को बदनाम करने का आरोप

नारद राय ने कहा कि मैं रविवार को अखिलेश यादव के मंच पर अपमानित हुआ। समाजवादी पार्टी से हम नहीं हैं। आज शिवपाल सिंह यादव फोन करते तो मैं यह निर्णय नहीं लेता था। वर्तमान विधायक और समाजवादी पार्टी का जिला अध्यक्ष संग्राम सिंह ने उनके खिलाफ साजिश की है। समाजवादी पार्टी छोड़ने पर मुझे खेद है।

उन्होंने मुलायम सिंह यादव को बताया कि उनके राजनैतिक पिता को राजनीति में और घर में कोई पूछने वाला नहीं मिलता जब वह मर जाता है। आज कल के बाद भी अखिलेश यादव को कोई नहीं पूछेगा। उनका कहना था कि वे राजनारायण और जनेश्वर मिश्र के सिद्धांतों को अपनाकर राजनीति करेंगे। मैं बदनाम किया गया और मेरी राजनीति को समाप्त करने की कोशिश की गई।

नारद राय बलिया नगर सीट से दो बार विधायक रहे हैं

नारद राय दो बार बलिया नगर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। भूमिहार समाज उनका मूल है। उन्हें पूर्वांचल के भूमिहारों में भी अच्छी पकड़ है। विशेष रूप से बलिया में, वे सपा के विरोधी नेताओं में से एक थे। नारद राय को भी सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के करीबी बताया जाता था। इसके कारण उन्हें भी अखिलेश यादव कैबिनेट में स्थान मिला। 2002 में पहली बार विधायक बने थे, फिर 2012 में विधायकी जीतकर मंत्री बने।

 

बलिया सीट से सनातन पांडेय हैं

सनातन पांडेय को समाजवादी पार्टी ने इस बार बलिया लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। 2019 में, सतनद पांडेय भी सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन 15519 वोटों से हार गए। बीजेपी के वीरेंद्र सिंह ने जीत हासिल की थी। पार्टी ने पिछले चुनाव में जीत और हार के अंतर को देखते हुए एक बार फिर से सनातन पांडेय को मैदान में उतारा है।

Exit mobile version