आज भारत के इतिहास के लिए काफी बाद दिन है, आज भारत कि कुछ महान विभूतियों को भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित किया गया जिन्होंने इस देश के बदलाव में बहुत बाद योगदान दिया था
जानिए कौन हैं ये लोग?
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव
कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी
इनमें से चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, डॉ एमएस स्वामीनाथन, और कर्पूरी ठाकुर को उनकी मृत्यु के बाद भारत रत्न(Bharat Ratna) से सम्मानित किया जा रहा है, इसके अलावा, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।
किसानों के महान नेता चौधरी साब
चौधरी चरण सिंह, भारत के पांचवें प्रधानमंत्री, किसानों के मसीहा के रूप में जाने जाते थे। उनका जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में हुआ था। उन्होंने 1937 में पहली बार विधायक बने। उन्होंने यह पद 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक संभाला. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीयता और ग्रामीण परिवेश की मर्यादा में जिया। फरवरी 2024 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने भारतीय संस्कृति और समाज के शिष्टाचार के नियमों का एक बहुमूल्य दस्तावेज लिखा।
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अपनी पार्टी द्वारा ठुकराया गया प्रधानमंत्री
पी.वी. नरसिम्हा राव भारतीय राजनीति के महत्वपूर्ण व्यक्तित्व थे। उन्होंने 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 25 जून 1921 को हुआ था। वे आंध्र प्रदेश के चावलपल्ली गाँव में जन्मे थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा) पार्टी में अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जैसे कि मुख्य न्यायाधीश, उपराष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, गवर्नर आदि। उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल में आर्थिक उछाल, परमाणु बम के परीक्षण, विदेशी नीतियों में परिवर्तन, और राजनीतिक संगठन की वृद्धि हुई। उनका निधन 28 दिसम्बर 2004 को हुआ, लेकिन उनकी यादें हमेशा राष्ट्र के लिए अमर रहेंगी।
जनता का जननायक
कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924 – 17 फरवरी 1988) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ और बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री थे। उन्हें जननायक कहा जाता है। भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया है। कर्पूरी ठाकुर ने अपने सरल और जनप्रिय व्यक्तित्व के साथ बिहार की राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाई। उन्होंने अपने दो कार्यकाल में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में गरीब गुरबों के लिए अहम काम किया। उनकी विरासत आज भी उनके योगदान की याद दिलाती है।
देश कि राजनीति बदलने वाला शख्स
लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय राजनीति के प्रसिद्ध नेताओं में से एक हैं। उन्होंने अपने लंबे और समृद्ध राजनीतिक जीवन में भारतीय राजनीति को महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता रहे हैं। आडवाणी ने भारतीय राजनीति को उन्नति और सुधार के माध्यम से आधुनिकीकृत करने का प्रयास किया। उनके विचारधारा और नेतृत्व का प्रभाव भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने में मदद की है। आडवाणी को राजनीतिक नेतृत्व, दृढ़ निश्चय और विचारशीलता के लिए सम्मानित किया गया है। उनका योगदान भारतीय राजनीति के इतिहास में अविस्मरणीय रहेगा।
कृषि क्रांति लेन वाला वैज्ञानिक
डॉ. एमएस स्वामीनाथन एक प्रमुख कृषि वैज्ञानिक थे, जिनका कार्यक्षेत्र भारतीय कृषि के विकास में था। उन्होंने अपने अनुसंधानों और योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने का प्रयास किया। स्वामीनाथन का विशेष ध्यान उनके आधुनिक कृषि तकनीकी और किसानों के लिए उपयोगी तकनीकों की खोज और विकास पर था।
डॉ. स्वामीनाथन ने अपने अनुसंधानों के माध्यम से उन्नत बीज, कृषि तकनीक, उर्वरक, और कृषि संबंधित विकास को बढ़ावा दिया। उनके योगदान ने भारतीय कृषि को अधिक उत्तम और समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिसमें पद्म श्री भी शामिल है। डॉ. स्वामीनाथन का योगदान कृषि वैज्ञानिक क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, और उनकी अद्वितीय योगदान की वजह से भारतीय कृषि आज उच्चतम स्तर पर है।
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पुरष्कार देने के लिए नियमों में बदलाव
भारत के कानून के अनुसार, एक साल में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है12. यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है और इसमें कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है31. इसकी शुरुआत 2 जनवरी, 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने की थी31. यह सम्मान जीवित और मरणोपरांत दोनों तरह के लोगों को दिया जाता है31. इसके बावजूद, 2024 में पांच व्यक्तियों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है2. इसका मतलब यह हो सकता है कि सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव किए हैं या फिर इन पांच व्यक्तियों में से कुछ को 2024 से पहले के किसी वर्ष में सम्मानित करने का फैसला किया है.
किन क्षेत्रों में नहीं मिलता भारत रत्न
भारत रत्न प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को अपने क्षेत्र में असाधारण और सर्वोच्च सेवा का प्रदर्शन करना होता है. यह सम्मान राजनीति, कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा, और खेल के क्षेत्र में किसी विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को दिया जाता है.
इसके अलावा, भारत रत्न के लिए किसी औपचारिक सिफारिश की आवश्यकता नहीं होती. कोई भी व्यक्ति जाति, पेशा, पद या लिंग के आधार पर अंतर किए बिना इस पुरस्कार के लिए योग्य माना जा सकता है. एक साल में सिर्फ़ तीन भारत रत्न ही दिए जाते हैं34. इसलिए, इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत ही प्रतिस्पर्धात्मक होती है.
किस-किस महान विभूति को नहीं मिला ये सम्मान?
भगत सिंह और ध्यानचंद जैसे महान व्यक्तियों को अब तक भारत रत्न नहीं दिया गया है. इन व्यक्तियों ने अपने क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है और वे इस सम्मान के हकदार माने जाते हैं. भगत सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जबकि ध्यानचंद ने हॉकी के क्षेत्र में अपनी कुशलता के कारण विश्व स्तर पर प्रशंसा प्राप्त की थी.
इसके अलावा, कुछ अन्य व्यक्तियों ने भी अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता दिखाई है, लेकिन उन्हें अब तक भारत रत्न नहीं मिला है. उनमें से कुछ नाम निम्नलिखित हैं:
सुभाष चंद्र बोस: वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और उन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी.
वीर सावरकर: वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे और उन्होंने “पहला स्वतंत्रता संग्राम” नामक पुस्तक लिखी थी.
बाबू जगजीवन राम: वे भारतीय राजनीति के प्रमुख नेता थे और उन्होंने दलित समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया.
इसके अलावा, भारत रत्न प्राप्त करने वालों की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में अधिसूचना जारी कर की जाती है। इस प्रकार, यह सम्मान प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता और समर्पण दिखाने की आवश्यकता होती है।