New Delhi: दिल्ली के विधायक और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने टिप्पणी की कि कई गिरफ्तारियां करके अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को पद छोड़ने के लिए मजबूर करने का एक ठोस प्रयास किया जा रहा है.
बहरहाल, सभी सांसदों ने इस बात पर जोर दिया कि चाहे प्रशासन पुलिस हिरासत से चलाया जाए या अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) जेल में रहकर शासन करें, वह मुख्यमंत्री के रूप में काम करना जारी रखेंगे क्योंकि मतदाताओं ने उन्हें वोट दिया है.
दिल्ली की सत्ता किसके हाथ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय राजस्व सेवा की पूर्व अधिकारी सुनीता अनौपचारिक रूप से अरविंद केजरीवाल के साथ सरकारी मामलों की देखरेख में शामिल थीं. हालांकि, एक राजनीतिक परिवार के साथ उनका लंबे समय से जुड़ाव उन्हें उनकी राजनीतिक समझ के संबंध में तत्काल जांच से बचा सकता है. इसके अलावा, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों से संकेत मिलता है कि सुनीता अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में नेतृत्व की भूमिका निभाती हैं, पार्टी के सदस्य उनका मार्गदर्शन चाहते हैं.
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कैसे होगा ‘आप’ का चुनाव प्रचार
मनीष सिसौदिया और संजय सिंह के बाद अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी, आगामी लोकसभा चुनावों में कई राज्यों, विशेषकर दिल्ली में पार्टी के प्रचार प्रयासों के लिए चुनौतियां खड़ी कर रही है. इसके अलावा, पार्टी के भविष्य के विस्तार की संभावनाओं को लेकर भी चिंताएं हैं. पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली और पंजाब के अलावा हरियाणा, गुजरात और असम में भी उम्मीदवार उतारे हैं. हालांकि, केजरीवाल के बिना इन राज्यों में अभियान चलाना पार्टी के लिए एक बड़ी बाधा साबित हो सकता है.
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