Bihar: बिहार में ‘जीवितपुत्रिका’ त्योहार के दौरान एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें 43 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई, जिनमें 37 मासूम बच्चे शामिल हैं। यह हादसा तब हुआ जब श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए नदी और तालाबों में उतरे, लेकिन दुर्भाग्यवश डूबने से उनकी जान चली गई। यह दुर्घटना राज्य के 15 जिलों में बुधवार को घटी, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की बात कही है।
त्योहार का उद्देश्य और दुर्भाग्यपूर्ण घटना
‘जीवितपुत्रिका’ त्योहार महिलाओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र और कल्याण के लिए उपवास और पूजा का पर्व है। इस त्योहार में महिलाएं पवित्र स्नान कर अपने बच्चों के स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं। लेकिन इस वर्ष यह पवित्र त्योहार दुःखद हादसों की वजह से एक भयावह घटना में बदल गया।
डूबने की घटनाएं 15 जिलों में हुईं
Bihar राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग (DMD) ने अपने बयान में बताया कि इन हादसों में डूबने की घटनाएं बिहार के 15 जिलों से आई हैं। जिन जिलों में ये घटनाएं घटी हैं, उनमें पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, नालंदा, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, सिवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल शामिल हैं।
राहत और बचाव कार्य
Bihar अधिकारियों ने बताया कि अब तक 43 शव बरामद किए जा चुके हैं और लापता लोगों की खोज और बचाव कार्य जारी है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर मौजूद हैं और मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। सरकार ने यह भी अपील की है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए लोग पवित्र स्नान के दौरान सावधानी बरतें।
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मुख्यमंत्री की घोषणा
Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों को ₹4 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। सरकारी बयान के अनुसार, मृतकों के परिजनों को मुआवजे का वितरण शुरू हो चुका है और अब तक आठ परिवारों को यह राशि दी जा चुकी है।
त्योहार की सांस्कृतिक महत्ता
‘जीवितपुत्रिका’ बिहार का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो माताओं की अपने बच्चों के प्रति असीम श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है। इस पर्व के दौरान माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और बेहतर जीवन के लिए कठिन व्रत और पूजा करती हैं। लेकिन इस वर्ष का त्योहार इन दर्दनाक घटनाओं के कारण दुख और शोक में बदल गया है, जिससे कई परिवार अपने प्रियजनों की खोने की पीड़ा से जूझ रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
राज्य सरकार ने इस हादसे की गंभीरता को देखते हुए भविष्य में ऐसे त्योहारों के दौरान सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की योजना बनाई है ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।