Bihar: बिहार में लगातार हो रहे पुल हादसों के बाद नीतीश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राज्य के जल संसाधन विभाग ने 11 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया है। विभाग ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। यह कार्रवाई 6 पुल गिरने की घटना के बाद की गई है।
राज्य (Bihar) में पिछले 20 दिनों के भीतर बारिश और बाढ़ की वजह से 10 से ज्यादा पुल ध्वस्त हो चुके हैं। इनमें से सीवान और सारण जिलों में 6 पुल कुछ घंटों के भीतर ही गिर गए थे। ये पुल गंगा और गंडक नदी जोड़ो परियोजना के तहत छाड़ी नदी पर बने थे।
11 इंजीनियरों के खिलाफ हुई कार्रवाई
इससे पहले जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने गुरुवार को कहा था कि 30 साल और उससे पुराने पुलों का सर्वे कराया जा रहा है। 15 दिनों के भीतर यह सर्वे पूरा हो जाएगा और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में पुल हादसों के लिए और भी इंजीनियरों और अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।
हादसे का जिम्मेदार कौन?
एसीएस चैतन्य प्रसाद ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि छाड़ी गंडकी नदी पर सीवान और सारण जिलों में बने पुलों के ध्वस्त होने के पीछे नहरों की उड़ाही करने वाले संवेदक और संबंधित इंजीनियर जिम्मेदार हैं। माना जा रहा है कि उड़ाही के दौरान पुलों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया, जिससे इस नदी में पानी आने के बाद कई पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए।
पुल हादसों के लिए आरजेडी जिम्मेदार -अशोक चौधरी
दूसरी ओर, बिहार में हो रहे पुल हादसों पर राजनीतिक बयानबाजी भी चल रही है। नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने हाल ही में कहा कि पुल हादसों के लिए आरजेडी जिम्मेदार है क्योंकि महागठबंधन सरकार के दौरान डेढ़ साल तक पथ निर्माण विभाग तेजस्वी यादव के पास था।
वहीं, तेजस्वी यादव ने जवाब देते हुए कहा कि जिनके कार्यकाल में ये पुल गिरे हैं, वे सत्ता में नहीं लौटेंगे। उन्होंने जेडीयू और बीजेपी को चुनौती दी है कि जितने भी पुल गिरे हैं, उनके टेंडर, निर्माण, शिलान्यास और उद्घाटन का ब्योरा सार्वजनिक किया जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।