BSP: बसपा प्रमुख मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ हुए गठबंधन के टूटने की असली वजह का खुलासा किया है। मायावती ने दावा किया है कि अखिलेश यादव ने उनके फोन उठाना बंद कर दिया था, जिसके कारण दोनों दलों के बीच की दूरियां बढ़ गईं और गठबंधन टूट गया। यह दावा मायावती ने अपनी बुकलेट में किया है, जो 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बीच बांटी जा रही है।
अखिलेश यादव ने फोन उठाना बंद कर दिया था: मायावती
बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने अपने ताजा बयान में समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद अखिलेश ने उनके फोन कॉल्स का जवाब देना बंद कर दिया था, जिससे उनके बीच का गठबंधन कमजोर हो गया।
गठबंधन के बावजूद BSP को मिलीं सिर्फ 10 सीटें
2019 के लोकसभा चुनावों में सपा और BSP ने गठबंधन किया था, लेकिन इसके बावजूद BSP को केवल 10 सीटें मिलीं। मायावती ने कहा कि गठबंधन के बावजूद उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली, और अखिलेश यादव का इस पर प्रतिक्रिया देना बंद कर देना गठबंधन टूटने का मुख्य कारण बना।
मायावती ने बुकलेट में किया खुलासा
मायावती ने इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा एक बुकलेट में किया है, जिसे आगामी 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए बसपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच बांटा जा रहा है। इस बुकलेट में मायावती ने गठबंधन टूटने की अंदरूनी बातों को विस्तार से बताया है, जिससे उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है।
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2027 के चुनावों के लिए बसपा की रणनीति
इस बुकलेट का वितरण 2027 के चुनावों के मद्देनजर किया जा रहा है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं को आगामी चुनावी रणनीति से अवगत कराया जा रहा है। इसमें बसपा की भविष्य की दिशा और पिछले गठबंधन की विफलताओं से सबक लेने की बात कही गई है। पार्टी के लिए यह बुकलेट आने वाले समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में मच सकती है हलचल
मायावती के इस खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है। 2024 के चुनावों से पहले सपा और बसपा के बीच की इस पुरानी कहानी ने दोनों पार्टियों के भविष्य के संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।