Champai Soren: झारखंड की राजनीति में हलचल के बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और जेएमएम नेता Champai Soren का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है। बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच, चंपई सोरेन ने स्पष्ट किया कि उनके लिए सभी विकल्प खुले हैं। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हुए अपमान और उसके बाद के घटनाक्रमों पर भी खुलकर बात की, साथ ही अपने राजनीतिक भविष्य के संभावित रास्तों का संकेत दिया। उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में नई चर्चा को जन्म दिया है।
“सभी विकल्प खुले हैं”
झारखंड में चल रही सियासी हलचल के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता चंपई सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा है कि उनके लिए सभी विकल्प खुले हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें अपमानित किया गया था, और उन्होंने विधायक दल की बैठक में भारी मन से घोषणा की थी कि उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। उन्होंने तीन विकल्पों पर विचार किया: राजनीति से सन्यास लेना, अलग संगठन खड़ा करना, या किसी साथी के साथ मिलकर आगे का सफर तय करना।
सार्वजनिक जीवन में जन-सरोकार की राजनीति
सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पोस्ट करते हुए चंपई सोरेन ने अपने सार्वजनिक जीवन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज़ उठाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक, हमेशा जनता के हित में राजनीति की है। उन्होंने आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों और मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है और हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहे हैं।
Champai Soren: पूर्व CM चंपई सोरेन होंगे BJP में शामिल ? झारखंड JMM के ये विधायक भी बदलेंगे पाला ?
मुख्यमंत्री के रूप में सेवा और उपलब्धियाँ
Champai Soren ने अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 31 जनवरी को उन्हें झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया था। 3 जुलाई तक, उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और जनहित में कई फैसले लिए। उन्होंने विश्वास जताया कि उनके कार्यकाल के दौरान किए गए कामों का जनता मूल्यांकन करेगी।
न्याय और सच्चाई के प्रति प्रतिबद्धता
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का हर बच्चा जानता है कि उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कभी भी किसी के साथ गलत नहीं किया और न ही किसी को ऐसा करने दिया। सत्ता मिलने पर उन्होंने वीर बाबा तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा, और सिदो-कान्हू जैसे महान व्यक्तियों को नमन करते हुए राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया था।