China News : भारत के विकास पर चीन की गंदी नज़र, पहले बनाई मीठी बातें और अब दिखा रहा अपना असली चहरा

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China News : ड्रैगन कभी भी सुधरने का नाम नहीं लेगा। वह शायद मीठी-मीठी बातें कर ले, लेकिन उसके दिल में केवल जहर ही है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत से हाथ मिलाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब उसने अपनी असली औकात दिखा दी है। वह चाहता नहीं कि भारत अपने विकास कार्यों में आगे बढ़े, और चीन उसे अपने हिस्से मान रहा है। चीन ने फिर से अपना दावा दर्ज करते हुए कहा है कि भारत को अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर कोई विकास कार्य करने का हक नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि भारत को वह क्षेत्र जिसे चीन(China News) ‘दक्षिण तिब्बत’ कहता है में विकास कार्य करने का कोई अधिकार नहीं है। यह बयान रॉयटर्स की रिपोर्ट के आधार पर आया है, जिसमें भारत की योजना बताई गई है कि अरुणाचल प्रदेश में सीमावर्ती राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने की। चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में दावा किया है कि साउथ तिब्बत चीन का अभिज्ञानित क्षेत्र है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने दिया बयान 

झूठ पर झूठ बोलते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ‘भारत को वहां विकास कार्य करने का कोई अधिकार नहीं है और चीनी क्षेत्र में भारत जिस अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता है, उसकी स्थापना अवैध और अमान्य है।’ रॉयटर्स ने मंगलवार को रिपोर्ट की है कि भारत उत्तर पूर्वी हिमालयी राज्य में 12 जलविद्युत स्टेशनों के निर्माण में तेजी से आगे बढ़ने की योजना बना रहा है और इसके लिए एक अरब डॉलर खर्च करने की योजना है।

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यह बात दुनिया को जाननी चाहिए कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और यह हमेशा ऐसा रहेगा। चीन का दावा है कि यह क्षेत्र उसके दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है और उसने वहां भारतीय अधिकृत परियोजनाओं पर आपत्ति जताई है। हालांकि सच्चाई यह है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। चीन बार-बार अरुणाचल प्रदेश को लेकर विवाद खड़ा करता रहता है, जैसे ही पाकिस्तान कश्मीर के मामले में करता है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चीन की इस प्रयासना निष्फल है।

चीन ने रची साजिश

यहां समझने की जरूरत है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के मामले में जबरदस्ती का बयान दिया है, विशेष रूप से उस समय जब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का चीनी विदेश मंत्री वांग यी से काजाकिस्तान में मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में चीनी विदेश मंत्री ने एस जयशंकर के साथ सीमा समस्याओं के समाधान के लिए तेजी से प्रयास करने के लिए सहमति जताई थी। चीन ने भारत के साथ संबंधों को बनाए रखने और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए हर संभव प्रयास करने का वादा किया था, लेकिन उसका ताजा बयान दिखाता है कि उसकी हरकतें उसके दावों से मेल नहीं खाती हैं। वह मुंह में राम बगल में छुरी रखने वाली हरकत कर रहा है।
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