नई दिल्ली। चिटहेरा भूमि घोटाले को लेकर सीपी लक्ष्मी सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। इस चर्चित भूमि घोटाले को लेकर इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर पर गाज गिरी है। इस कार्रवाई के बाद लापरवाह पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर खलबली मची हुई है।
अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई
गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह तेजतर्रार ईमानदार पुलिस अधिकारी मानी जाने वाली आइपीएस आधिकारी है, जिनके कंधों पर जनपद गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त की जिम्मेदारी है। प्रदेश में वह पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं जिन्हें यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिले का पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। यहां पर जब से पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कमान सभांली है, तभी से जिले में अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि जिले में भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर भी कार्रवाई में कोई चूक नहीं देखी जा रही है। पूर्व में कई लापरवाह पुलिसकर्मी और अधिकारियों पर कार्रवाई पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह कर चुकी है। लक्ष्मी सिंह बेहतर कानून व्यवस्था को बनाने के लिए लगातार आवश्यक दिशा निर्देश अपने पुलिसकर्मी और अधिकारियों को देती रहती हैं।
लापरवाही में निलंबित करने के बाद लक्ष्मी सिंह ने बैठाई जांच
बता दें कि ग्रेटर नोएडा स्थित दादरी तहसील के चिटहेरा गांव में हुए अरबों रुपये के भूमि घोटाले की जांच कर रहे इंवेस्टिगेटिंग ऑफ़िसर इंस्पेक्टर गिरीश राज़ प्रसाद पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह द्वारा जांच में लापरवाही को लेकर निलंबित कर दिया गया है। इंस्पेक्टर गिरीश राज प्रसाद पर चिटहेरा भूमि घोटाले की जांच में लापरवाही बरतने, तथ्यों को सही ढंग से आरोप पत्र में प्रस्तुत नहीं करने और शीर्ष अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने जैसे गंभीर आरोप हैं। जिस मामले में पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने निलंबित करने की कार्रवाई की है और साथ ही विभागीय जांच बैठाई हैं।
ट्रांसफर होने के बावजूद नोएडा में तैनात है इंस्पेक्टर
गौरतलब है कि जनपद गौतम बुध नगर इंस्पेक्टर गिरीश राज प्रसाद जिले में 5 वर्ष से तैनात हैं और लगभग दो साल पहले जिले से बाहर प्रशासनिक ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद भी ट्रांसफर होने के बावजूद गिरीश राज प्रसाद क़रीब 2 वर्षों से गौतमबुद्ध नगर में डटे हुए थे। वह पिछले 5 वर्षों से गौतमबुद्ध नगर क्राइम ब्रांच में तैनात थे।