Cyclone Remal : पेड़ उखड़े, छतें उड़ गई, बंगाल में आए रेमल चक्रवात ने मचाया कहर

एक तरफ जहां उत्तर भारत में झुलसती गर्मी ने कोहराम मचा रखा है तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में एक भयंकर तूफान ने दस्तक दे दी है...ये भयानक तूफान है रेमल, जिसका मंज़र वाकई में बेहद खतरनाक नज़र आ रहा है।

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Cyclone Remal : एक तरफ जहां उत्तर भारत में झुलसती गर्मी ने कोहराम मचा रखा है तो वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में एक भयंकर तूफान ने दस्तक दे दी है…ये भयानक तूफान है रेमल, जिसका मंज़र वाकई में बेहद खतरनाक नज़र आ रहा है।

कल, 26 मई 2024 को, जब बंगाल में रेमल तूफान टकराया, तो इस स्थिति में यहाँ के वातावरण का अचानक ही बदलाव देखने को मिला। इस समय ऐसा महसूस हुआ कि एक ही पल में बंगाल की तस्वीर एक दम पलट गई और वहां भयानक तबाही की शुरुआत हो गई। कहीं पेड़ उखड़ गए, तो कहीं घरों की छतें उड़ गईं। इस हालत में वहां पर तबाही के अलावा, और कुछ भी नज़र नहीं आया।आपको बता दें कि, पिछले कुछ दिनों में बंगाल में हुई भारी बारिश के बाद, वहाँ पर तूफान आने की संभावना जताई जा रही थी और इसने कल आधी रात को ही अपना अत्यंत प्रभावी रूप दिखा दिया।

जी हाँ, आज सबसे बड़ी खबर है कि बंगाल की खाड़ी में तैनात चक्रवात रेमल बंगाल के तटों से टकरा गया है। कई इलाकों में भारी बारिश हुई। इसके साथ ही, तेज हवाओं के कारण कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए। मौसम विभाग के मुताबिक, इस चक्रवाती तूफान के लैंडफॉल के समय हवा की रफ्तार 135 किलोमीटर प्रति घंटे थी। और इसी दौरान रेमल पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपाड़ा के बीच समुद्र तट से टकराया।

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पिछले रविवार के लगभग 8:30 बजे, पड़ोसी देश में मोंगला के दक्षिण-पश्चिम के पास सागर द्वीप और खेपुपारा के बीच पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के निकटवर्ती तटों पर तूफान का हमला हुआ। यह दृश्य वास्तव में दिल को कांपने वाला था। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल सरकार ने इस दौरान हिम्मत और दिमागदारी का परिचय देते हुए एक सराहनीय काम किया, रविवार देर दोपहर तक लगभग 1.10 लाख लोगों को तटीय और संवेदनशील क्षेत्रों से उठाकर चक्रवात आश्रयों में स्थानांतरित किया गया, जिन्हें स्कूलों और कॉलेजों में पहुंचाया गया। इसी बीच, सागर द्वीप, सुंदरबन और काकद्वीप से लोगों को स्थानांतरित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भी बंगाल के लोगों की सुरक्षा के लिए एक समीक्षा बैठक की।

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