Delhi pollution: दिल्ली बना देश का सबसे प्रदूषित शहर, खतरनाक स्तर पर AQI, गंभीर बीमारियों का खतरा

दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। शुक्रवार को औसत AQI 369 और जहांगीरपुरी में 424 दर्ज हुआ। जहरीली हवा से लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, हालात बेहद चिंताजनक हैं।

Delhi pollution

Delhi pollution: देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। प्रदूषण के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है, और हवा में मौजूद जहरीले कण लोगों को गंभीर बीमारियों की चपेट में ला रहे हैं। दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) शुक्रवार सुबह 369 रिकॉर्ड किया गया, जबकि जहांगीरपुरी में यह 424 तक पहुंच गया। आनंद विहार, नेहरू नगर, बवाना, मुंडका और शादीपुर जैसे कई इलाके 400 के पार के स्तर पर हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का प्रमुख प्रदूषक PM 2.5 है, जो फेफड़ों और रक्त धमनियों को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है। इसके कारण दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है।

दिल्ली की जहरीली हवा

रेस्पिरर लिविंग साइंसेज द्वारा (Delhi pollution) जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 से 19 नवंबर के बीच दिल्ली में PM 2.5 का औसत स्तर 243.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। यह रिपोर्ट 281 शहरों में किए गए वायु गुणवत्ता विश्लेषण पर आधारित है, जिसमें दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर के रूप में सामने आया। प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने राजधानी की हवा को खतरनाक बना दिया है। हर सप्ताह प्रदूषण में औसतन 19.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

बीमारियों का बढ़ता खतरा

दिल्ली की जहरीली हवा के चलते सांस संबंधी समस्याओं और (Delhi pollution) हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। PM 2.5 के छोटे कण हवा में घुलकर फेफड़ों और खून में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। इन कणों का आकार आम इंसान के बाल की चौड़ाई के बराबर होता है, जिससे वे सांस के जरिए आसानी से शरीर में पहुंच जाते हैं।

प्रदूषण से निपटने के प्रयास

दिल्ली सरकार ने सड़कों पर पानी का (Delhi pollution) छिड़काव और वाहनों के लिए दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने जैसे उपाय किए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की जरूरत है। साथ ही, पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हरित क्षेत्र बढ़ाने और सख्त नीतियां अपनाने से प्रदूषण के इस गंभीर संकट को कम किया जा सकता है।

दिल्ली की वर्तमान स्थिति चेतावनी है कि यदि प्रदूषण पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले समय में हालात और गंभीर हो सकते हैं।

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