Delhi: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासत जारी है. विपक्ष की ओर से CAA की आलोचना की जा रही है. हालाँकि, इससे शरणार्थी परेशान हैं. जहां गुरुवार को हिंदू शरणार्थियों ने सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया.
इसी बीच आज शरणार्थियों ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने जमकर नारेबाजी की और बैरिकेड्स तोड़ दिए थे. सीएए को लेकर दिए गए बयानों के चलते शरणार्थी भारतीय गठबंधन और कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
CAA को लेकर कांग्रेस ने उठाए सवाल
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से उत्पीड़न का सामना करने वाले लोगों को नागरिकता दी जाएगी. इस कानून का स्वागत भी है और विरोध भी. कांग्रेस पार्टी ने इस कानून को असंवैधानिक माना है. पार्टी ने सवाल उठाया है कि संसद से पारित होने के 51 महीने बाद इस कानून को क्यों लागू किया जा रहा है.
कांग्रेस ने सरकार पर चुनाव से ठीक पहले सीएए लागू कर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि सीएए भेदभाव को बढ़ावा देता है और भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है.
नही वापस होगा CAA- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) कभी वापस नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है और हम इससे कभी समझौता नहीं करेंगे. शाह ने कहा कि सीएए मोदी सरकार लेकर आई है और इसे वापस लेना नामुमकिन है. उन्होंने विपक्षी नेताओं पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया है.