Delhi: गुरुवार को भी राजधानी के कई इलाकों में पेयजल की कमी हुई। पानी के लिए लोग भटकते रहे, खासकर स्लम बस्तियों में और पूर्वी Delhi के कई इलाकों में। पानी के टैंकर इन क्षेत्रों में पहुंचते ही लोग पानी भरने के लिए उन पर टूट पड़े। इसलिए टैंकर तुरंत खाली हो गए। पानी भरने के दौरान भी लोगों में मतभेद हुए।
उनका दावा था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने के बावजूद दिल्ली में पानी की आपूर्ति कम हो रही है। हरियाणा पिछले तीन दिनों से दिल्ली के लिए निरंतर कम पानी निकाल रहा है। मैं आज सुबह 11 बजे वजीराबाद बैराज जाकर हरियाणा की साजिश को उजागर करूंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश को आदेश
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में पेयजल की दुर्लभ कमी वर्तमान में सबसे बड़ा संकट है। इस पर कोई द्वेष नहीं होना चाहिए। 7 जून को, हिमाचल प्रदेश को दिल्ली के लिए 137 क्यूसेक अतिरिक्त जल देने का आदेश दिया गया था। साथ ही, हरियाणा को दिल्ली तक पानी का सुरक्षित प्रवाह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। कोई बाधा नहीं होनी चाहिए। एक क्यूसेक 28.317 लीटर जल प्रति सेकंड के बराबर है, इसे याद रखें।
क्या कहा हिमाचल कोर्ट ने
जस्टिस प्रशांतकुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने कहा, चूंकि हिमाचल को अपने पास उपलब्ध अतिरिक्त पानी छोड़ने में कोई आपत्ति नहीं है, हम निर्देश देते हैं कि वह 137 क्यूसेक ऊपर से छोड़े, ताकि पानी हथिनीकुंड बैराज तक पहुंच जाए और फिर वजीराबाद से Delhi तक पहुंच जाए।
पीठ ने तत्काल जरूरत को देखते हुए हिमाचल प्रदेश को निर्देश दिया कि वह हरियाणा को पूर्व सूचना के साथ सात जून से ही जल निकासी करना शुरू करे। ताकि दिल्लीवासियों को पीने का पानी मिल सके, ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (यूवाईआरबी) हथिनीकुंड से निकलने वाले अतिरिक्त पानी को मापेगा।
Delhi सरकार पानी की बर्बादी रोके
पीठ ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह पानी की बर्बादी न होने दे। पीठ ने दिल्ली सरकार, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत प्रतिवादियों से सोमवार तक अनुपालन हलफनामा और स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 10 जून को होगी। इससे पहले 5 जून को पीठ ने बोर्ड को सभी हितधारक राज्यों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया था।
कल हमारे पास कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए
पीठ ने कहा, हमें नहीं पता कि राजनीति कौन कर रहा है, लेकिन कल यह शिकायत नहीं आनी चाहिए कि हिमाचल पानी दे रहा है, लेकिन हरियाणा नहीं छोड़ रहा है। अदालत ने हरियाणा को नहरों के जरिए पानी के प्रवाह को रास्ता देने का निर्देश दिया।
128 मिलियन बार देखा गया बदो बदी गाना यूट्यूब से हटा, जानें क्या हुआ
हिमाचल के पानी का रिकॉर्ड नहीं
हरियाणा सरकार के वकील ने दलील दी, हिमाचल में अधिशेष पानी की उपलब्धता का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हथिनीकुंड बैराज से अतिरिक्त पानी की आपूर्ति को मापने का कोई तंत्र नहीं है। इस पर दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, पानी की जरूरत एक आपातकालीन और एक बार के उपाय के रूप में है। हिमाचल प्रदेश विनम्रता और शालीनता दिखा रहा है।
हिमाचल सरकार को कोई आपत्ति नहीं
हिमाचल प्रदेश सरकार नियमित रूप से दिल्ली को पानी उपलब्ध करा रही है। सरकार को पानी उपलब्ध कराने पर कोई आपत्ति नहीं है। जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019 में हिमाचल सरकार का दिल्ली के साथ एमओयू हुआ था। इसके तहत पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
पश्चिमी यमुना नहर से दिल्ली पहुंचेगा पानी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल का अतिरिक्त पानी हथिनीकुंड बैराज से पश्चिमी यमुना नहर के जरिए हरियाणा होते हुए दिल्ली पहुंचेगा। सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर सतबीर कादियान ने बताया कि पानी के बहाव में कोई रुकावट नहीं आएगी। हालांकि इसकी तकनीकी निगरानी अपर यमुना रिवर बोर्ड करेगा। यह पानी जून माह तक दिल्ली के लिए उपलब्ध रहेगा।