नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( DRDO) ने शनिवार को राजस्थान के PFFR में मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ( MPATGM ) हथियार प्रणाली का सफल परीक्षण किया ।
DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है MPATGM
MPATGM के परीक्षण के लिए परीक्षण उपयोगकर्ता टीम की उपस्थिति में यह कार्यक्रम आयोजित किए गए। परीक्षणों के दौरान मिसाइल का प्रदर्शन और वारहेड का प्रदर्शन उल्लेखनीय पाया गया। DRDO द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति कहा गया कि , मैन-पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ( MPATGM ) हथियार प्रणाली को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया था।
मिसाइल फायरिंग परीक्षण में सफल रहा MPATGM
MPATGM में मैन पोर्टेबल लॉन्चर, टारगेट एक्विजिशन सिस्टम (TAS) और फायर कंट्रोल यूनिट (FCU) शामिल हैं। GSQR में निर्धारित पूर्ण परिचालन के अनुपालन को प्राप्त करने की दिशा में पर्याप्त संख्या में मिसाइल फायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं।
जल्द ही होगा भारतीय सेना में शामिल
एमपीएटीजीएम के टैंडेम वारहेड सिस्टम का प्रवेश परीक्षण पूरा हो चुका है और टैंडेम वारहेड को आधुनिक कवच-संरक्षित मुख्य युद्धक टैंक (MBT) को हराने में सक्षम पाया गया है। एटीजीएम प्रणाली दिन/रात और शीर्ष हमले की क्षमता से सुसज्जित है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि डुअल मोड सीकर कार्यक्षमता टैंक युद्ध के लिए मिसाइल क्षमता के लिए एक महान मूल्यवर्धन है। इसमें कहा गया है कि इस तकनीक के साथ, विकास और सफल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन संपन्न हो गया है, और सिस्टम अब अंतिम उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है जो भारतीय सेना में शामिल होने की ओर अग्रसर है।
रक्षा मंत्री ने टीम को दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रणाली के सफल परीक्षणों के लिए DRDO और भारतीय सेना की सराहना की और इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष ने भी परीक्षणों से जुड़ी टीमों को बधाई दी।