DU Dual Digree : दिल्ली यूनिवर्सिटी में साथ ले सकेंगे 2 डिग्री, सबकुछ नए सिरे से होगा शुरु

दिल्ली विश्वविद्यालय में एक साथ दो डिग्री पाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है। अब इस प्रस्ताव को कार्यकारी परिषद में पेश किया जाएगा, जिसके बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस योजना के तहत छात्र बीए प्रोग्राम के साथ ऑनर्स डिग्री की पढ़ाई कर सकेंगे।

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Delhi University : दिल्ली यूनिवर्सिटी में अब छात्र एक साथ दो डिग्री प्राप्त कर सकेंगे। डीयू की एकेडमिक काउंसिल ने हाल ही में इस योजना को मंजूरी दी है। अब इस प्रस्ताव को 27 जुलाई को होने वाली कार्यकारी परिषद में पेश किया जाएगा। इस प्रोग्राम के तहत छात्र बीए प्रोग्राम के साथ ऑनर्स डिग्री प्राप्त कर सकेंगे, लेकिन इन दोनों डिग्रियों की पढ़ाई को डीयू से ही करना होगा। इनमें से एक डिग्री रेगुलर और दूसरी डिग्री डिस्टेंस मोड में प्रदान की जाएगी।

27 जुलाई को आएगा आखिरी फैसला

दिल्ली यूनिवर्सिटी में ड्यूल डिग्री प्रोग्राम का प्रस्ताव 27 जुलाई को होने वाली कार्यकारी परिषद में रखा जाएगा। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है, तो इस प्रोग्राम के लिए एक रोडमैप और गाइडलाइंस तैयार की जाएगी। इसके बाद ही संस्थान में ड्यूल कोर्स के लिए एडमिशन शुरू किए जाएंगे। डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक प्रो. पायल मागो ने बताया कि यह एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने की व्यवस्था सत्र 2024-25 से लागू की जाएगी।

डुअल डिग्री प्रोग्राम के अंदर अगर किसी छात्र को कॉलेज के ऑनर्स प्रोग्राम में एडमिशन नहीं मिलता है, तो वह स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) के ऑनर्स कोर्स में एडमिशन ले सकता है, लेकिन यह दोनों प्रोग्राम एक दूसरे से अलग होने चाहिए। इस प्रकार छात्र बीए प्रोग्राम के साथ ऑनर्स डिग्री भी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, मान लीजिए कि छात्र अपनी ग्रेजुएशन के दूसरे साल में है और वह शुरू से किसी अन्य कोर्स की पढ़ाई करना चाहता है, तो वे एसोओएल में नए कोर्स की शुरुआत कर सकते हैं। छात्र चाहे किसी भी सेमेस्टर में हो, वह नए कोर्स की शुरुआत कर सकता है और दोनों कोर्स की एक साथ पढ़ाई कर सकता है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के एलएलबी छात्रों को मनुस्मृति (मनु के नियम) पढ़ाने के प्रस्ताव पर विवाद होने के बाद इसे खारिज कर दिया गया है। इस प्रस्ताव पर अकादमिक परिषद की बैठक में चर्चा की गई थी, लेकिन इससे पहले ही शिक्षकों के एक वर्ग ने इसकी आलोचना की थी और इसके विरोध में विरोध दर्ज कराया गया था। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने डीयू लॉ फैकल्टी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।
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