Forex Reserve: देश का विदेशी मुद्रा भंडार सर्वाधिक उच्च हो गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के नतीजों को घोषित करते हुए कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 650 बिलियन डॉलर को पार करते हुए 651.5 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक हाई पर जा पहुंचा है।
विदेशी मुद्रा भंडार
आरबीआई गवर्नर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक नए माइलस्टोन को छूते हुए 31 मई 2024 को समाप्त हुए सप्ताह के बाद 651.5 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्चतम पर जा पहुंचा है। जबकि 24 मई 2024 को समाप्त हुए पहले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 646.67 बिलियन डॉलर था। यानी विदेशी मुद्रा भंडार में एक हफ्ते में 4.83 बिलियन डॉलर का उछाल देखा गया है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंचा!
मुख्य बातें:
- विदेशी मुद्रा भंडार: 31 मई 2024 को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 651.5 बिलियन डॉलर के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पहले सप्ताह के 646.67 बिलियन डॉलर से 4.83 बिलियन डॉलर अधिक है।
- महत्व: यह वृद्धि विदेशी क्षेत्र की मजबूती और प्रमुख विदेशी निवेशकों के सकारात्मक रुझान को दर्शाती है।
- कारण: विदेशी मुद्रा भंडार में उतार-चढ़ाव आमतौर पर आरबीआई द्वारा मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने और डॉलर के मुकाबले रुपये को नियंत्रित करने के प्रयासों से होता है।
- रेपो दर: आरबीआई ने अपनी द्विमासिक समीक्षा में रेपो दर को 6.5% पर यथावत रखा है। यह लगातार आठवीं बैठक है जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का महत्व
- मजबूत अर्थव्यवस्था: यह भारत की मजबूत बाहरी स्थिति और अर्थव्यवस्था की लचीलेपन का संकेत है।
- बढ़ती विदेशी निवेश: विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि विदेशी निवेशकों के लिए भारत को एक आकर्षक गंतव्य बनाती है।
- ** आयात कवर:** यह भारत को अपनी आयात आवश्यकताओं को पूरा करने और बाहरी झटकों से निपटने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार प्रदान करता है।
विदेशी मुद्रा भंडार में यह वृद्धि भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह मजबूत अर्थव्यवस्था, बढ़ते विदेशी निवेश और बेहतर बाहरी स्थिति को दर्शाता है।
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एक्सटर्नल इंडीकेटर्स की प्रगति
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत का विदेशी क्षेत्र गतिशील बना हुआ है और प्रमुख विदेशी निवेशकों में लगातार सुधार हो रहा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम यकीन करते हैं कि हम आसानी से अपने विदेशी निवेश आवश्यकताओं को पूरा कर सकेंगे।
Forex Reserve की गिरावट-वृद्धि का कारण
जब भी आरबीआई करेंसी को नियंत्रित करने या डॉलर के मुकाबले करेंसी में आ रही गिरावट को नियंत्रित करने के लिए दखल देता है, तो विदेशी मुद्रा भंडार में बदलाव देखने को मिलता है।
पॉलिसी रेट नहीं बदलता
आरबीआई गवर्नर ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। रेपो रेट 6.5% पर बना हुआ है। ये आठवीं एमपीसी बैठक है, जिसमें पॉलिसी रेट स्थिर है।