Ghazipur: सीईओ गज़िपुर ने जलालाबाद गाय आश्रय में हुए हाल के बदलाव के संबंध में तत्काल निरीक्षण और उचित व्यवस्था के निर्देश जारी किए। हालाँकि, इस समय ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर जोखनीया और गाँव के प्रमुख Ghazipur जलालाबाद ने ग्रामीणों की बात सुनने की कोशिश की। BDO JAKANIYA ने कथित तौर पर एक 10 वर्षीय बच्चे को वीडियो पोस्ट करने पर अपने मोबाइल फोन जब्त करने की धमकी दी। ग्रामीणों का कहना है कि आश्रय में खराब हालात, जहां जानवर पर्याप्त देखभाल के बिना मर रहे हैं, पर्यावरण और स्वास्थ्य चिंताओं का कारण हैं।
सीडीओ ने दिए जांच के निर्देश, ग्रामीणों पर दबाव डाल रहे ग्राम प्रधान
गाजीपुर के सीडीओ ने शुक्रवार को जलालाबाद गौशाला में मृत गोवंश की खराब स्थिति पर संबंधित अधिकारियों को तुरंत निरीक्षण कर व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे। इस दौरान खंड विकास अधिकारी जखनिया और ग्राम प्रधान जलालाबाद ने ग्रामीणों की आवाज दबाने की कोशिश की। ग्रामीणों का आरोप है कि गौशाला में मर रहे पशुओं के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने से वातावरण दूषित हो रहा है और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है।
दुर्गंध से बीमार हो रहे लोग, योगी सरकार की योजनाओं पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि इस भीषण गर्मी में दुर्गंध से दर्जनों लोग बीमार हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा Ghazipur गोवंश संरक्षण पर दिए गए सख्त निर्देशों के बावजूद अधिकारी निष्क्रिय बने हुए हैं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक गोवंश योजना को अधिकारी क्यों नहीं देख रहे हैं? मृत पशुओं का अंतिम संस्कार क्यों नहीं किया जा रहा है? मृत जानवरों को खुले में क्यों छोड़ दिया जाता है?
सीडीओ के निर्देशों के बाद भी अधिकारियों का ग्रामीणों पर हमला
सीडीओ के निर्देशों के बाद जब संबंधित अधिकारी जांच करने पहुंचे तो ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों ने उन पर हमला कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान उन पर दबाव डाल रहे हैं और एक दबंग व्यक्ति की तरह काम कर रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप: ग्राम प्रधान और अधिकारी मिलकर कर रहे हैं सरकार का अपमान
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान, सचिव और खंड विकास अधिकारी की मिलीभगत से यह समस्याएं बनी हुई हैं। उनका कहना है कि अगर खंड विकास अधिकारी ईमानदार होते तो बच्चों को जेल नहीं भेजते, बल्कि अपनी कमियों को छिपाने के लिए बच्चों को जेल भेजना चाहते हैं।
शनिवार को भी वही थे हालात, अधिकारियों की गैरजिम्मेदारी
शनिवार को जब मीडिया ने घटनास्थल का दौरा किया तो वहां हालात जस-त-वस थे। मृत पशुओं के शवों को गैरजिम्मेदारी से ढक दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि वीडियो साक्ष्य और बार-बार शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
ग्रामीणों की मांग: उचित व्यवस्था और दोषियों पर कार्रवाई
ग्रामीणों ने मृत गोवंश के उचित प्रबंधन और इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।