असम: हत्या या मुठभेड़? कछार में हुई encounter पर सवालिया निशान

Guwahati

Guwahati: असम में कछार जिले से एक मुठभेड़ की खबर सामने आई है, जिस पर अब सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के दावे के अनुसार, कछार पुलिस ने तीन ह्मार उग्रवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया है.

हालांकि, कुछ सामने आए वीडियो में दावा किया जा रहा है कि ये हत्याएं थीं, फर्जी मुठभेड़ नहीं. वीडियो में दिख रहा है कि (Guwahati) पुलिस इन तीनों को ऑटो रिक्शा से गिरफ्तार करती है और फिर उन्हें किसी दूसरी जगह ले जाकर मार देती है. इसके बाद, सरकार इसे मुठभेड़ बताती है.

मुख्य बातें:

ह्मार संगठन हुए आक्रोशित

इस घटना के बाद ह्मार संगठनों और कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है. उनका कहना (Guwahati)  है कि ये हत्याएं हैं और उन्हें फर्जी मुठभेड़ के तौर पर पेश किया जा रहा है. उन्होंने घटना की स्वतंत्र जांच कराने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है.

वहीं, असम सरकार इन आरोपों को सिरे से खारिज करती है और कहती है कि मुठभेड़ पूरी तरह से “वास्तविक” थी.

ह्मार जनजाति के बड़े संगठन ह्मार इनपुई ने बयान भी जारी किया है कि ये एक्स्ट्रा जूडिशियल किलिंग है. इस प्रेस रिलीज़ में उनके नाम भी बताए गए हैं.

हाईकोर्ट में चल रही है सुनवाई

फिलहाल, गुवाहाटी हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रही है और (Guwahati)  असम सरकार से जवाब मांगा है. गौरतलब है कि असम में फर्जी मुठभेड़ कोई नया मामला नहीं है. 10 जुलाई 2024 को ही, सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए 4 और सप्ताह का समय दिया था.

Dubai News : दुबई के महाराज की बेटी ने सोशल मीडिया के ज़रिए अपने पति को दिया तलाक

विवाद:

वर्तमान स्थिति:

क्या है ह्मार समुदाय?

बता दें कि ह्मार एक जनजाति है, जो मुख्य रूप से मणिपुर और (Guwahati)  मिज़ोरम के कुछ इलाकों में रहती है. कछार जिला मणिपुर की सीमा से सटा हुआ है, जहां ह्मार समुदाय के लोग भी रहते हैं.

क्या इतिहास दोहराएगा खुद को?

गौरतलब है कि 9 मार्च 2024 को ही, गुवाहाटी हाईकोर्ट ने 1994 में तिनसुकिया जिले में सेना द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ मामले में 5 युवकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था.

असम में फर्जी मुठभेड़ का यह ताजा मामला एक जटिल मुद्दा है और अभी जांच चल रही है. हमें इस मामले के सभी पहलुओं पर गौर करना चाहिए और यह उम्मीद करनी चाहिए कि न्याय होगा.

Exit mobile version