CM Yogi on Hathras Kand: हाथरस हादसे (Hathras Kand) के बाद सीएम योगी ने कड़ी कार्रवाई की है। प्रारंभिक जांच में एसआईटी ने चश्मदीद गवाहों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्यक्रम आयोजकों को हादसे का मुख्य जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारियों ने इस कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया और वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचित नहीं किया।
एसआईटी ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। इस पर उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकंदराराऊ, थानाध्यक्ष सिकंदराराऊ, तहसीलदार सिकंदराराऊ, चौकी प्रभारी कचौरा और चौकी प्रभारी पोरा को निलंबित कर दिया गया है।
SIT रिपोर्ट से क्या आया सामने?
02 जुलाई को हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान हुए हादसे के तुरंत बाद एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ की एसआईटी ने 02, 03 और 05 जुलाई को घटना स्थल का निरीक्षण किया। जांच के दौरान 125 लोगों के बयान लिए गए।
जिसमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी शामिल थे। इसके अलावा, घटना से संबंधित समाचार, स्थल की विडियोग्राफी, छायाचित्र और विडियो क्लिपिंग का भी संज्ञान लिया गया। जांच समिति ने हादसे के पीछे किसी बड़ी साजिश से इंकार नहीं किया और गहन जांच की जरूरत बताई।
यह भी पढ़े: पीएम मोदी ने उठाया रूसी सेना में फंसे भारतीयों का मुद्दा, पुतिन ने तुरंत किया बड़ा ऐलान
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
जांच समिति ने कार्यक्रम आयोजकों और तहसील स्तर के पुलिस और प्रशासन को दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में लापरवाही बरती। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ ने बिना स्थल का मुआयना किए कार्यक्रम की अनुमति दी।
वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया। आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर अनुमति प्राप्त की और शर्तों का पालन नहीं किया। आयोजकों ने अप्रत्याशित भीड़ को बुलाकर पर्याप्त और सुचारु व्यवस्था नहीं की और न ही स्थानीय प्रशासन द्वारा दी गई शर्तों का पालन किया।
SDM, CO समेत 6 अधिकारी सस्पेंड
आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए हैं। बिना पुलिस वेरिफिकेशन के जोड़े गए लोगों से अव्यवस्था फैली। आयोजक मंडल ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया और कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने से रोका। सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के मिलने की अनुमति दी गई। भारी भीड़ के बावजूद किसी प्रकार की बैरिकेडिंग या पैसेज की व्यवस्था नहीं की गई और दुर्घटना होने पर आयोजक मंडल के सदस्य घटना स्थल से भाग गए।