Hinduja परिवार के सदस्यों को जेल में डालने का क्या कारण था?
अभियोजकों ने कहा कि हिंदुजा बंधुओं ने अपने कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। भारत से इन कर्मचारियों को जिनेवा में एक पारिवारिक विला में घरेलू सहायिका के रूप में काम पर लगाया गया था। जहां उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और उनसे प्रतिदिन 17 से 18 घंटे काम करवाया गया। रिपोर्टों के अनुसार, परिवार के सदस्यों ने अपने पालतू कुत्तों पर एक वर्ष में खर्च की तुलना में अपने घरेलू सहायकों को कम राशि दी।
अब अदालत ने इस मामले में Hinduja बंधुओं को ‘स्वार्थी’ बताया। प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल हिंदुजा को चार चार साल और छह महीने की सजा सुनाई गई, जबकि उनके बेटे अजय और नम्रता को चार चार साल और छह महीने की सजा सुनाई गई। उन्हें मानव तस्करी के अधिक गंभीर आरोपों से, हालांकि, अदालत ने बरी कर दिया।
Hinduja परिवार: जिनेवा में घरेलू कर्मचारियों के शोषण के लिए जेल की सजा
मुख्य बिंदु:
- हिंदुजा परिवार के चार सदस्यों को स्विट्जरलैंड में घरेलू कर्मचारियों का शोषण करने का दोषी ठहराया गया है और उन्हें चार साल तक की जेल की सजा सुनाई गई है।
- अभियोजकों ने आरोप लगाया कि परिवार ने कर्मचारियों को अमानवीय परिस्थितियों में रखा, उन्हें 17-18 घंटे तक काम करवाया, और उन्हें कम वेतन दिया।
- परिवार ने आरोपों से इनकार किया है और ऊपरी अदालत में अपील की है।
- हिंदुजा परिवार 20 अरब डॉलर से अधिक की संपत्ति वाला एक प्रसिद्ध भारतीय व्यापारिक परिवार है।
Hinduja परिवार की कुल संपत्ति की संख्या क्या है? अदालत में फजीहत क्यों हुई?
Hinduja परिवार की कुल संपत्ति लगभग 20 अरब डॉलर है और वे तेल और गैस से लेकर बैंकिंग और चिकित्सा सेवाओं तक के 38 देशों में कारोबार करते हैं। फोर्ब्स ने पिछले वर्ष सबसे अमीर भारतीयों की सूची में परिवार को सातवें स्थान पर रखा। मुकदमे के दौरान अभियोजकों ने आरोप लगाया कि हिंदुजा बंधुओं ने पर्याप्त संपत्ति होने के बावजूद अपने कर्मचारियों को एक दिन में 18 घंटे काम करने के लिए केवल 8 डॉलर (660 रुपये) दिए। स्विस कानून के अनिवार्य वेतन के दसवें हिस्से से भी कम था।
क्या परिवार के सदस्यों ने कुत्तों पर अधिक धन खर्च किया?
अभियोजकों ने आरोप लगाया कि था Hinduja परिवार ने अपने कर्मचारियों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे और विला से बाहर निकलने की अनुमति भी बहुत कम दी गई थी। साथ ही, उन्होंने अदालत को बताया कि परिवार ने अपने कुत्ते पर अपने नौकरों की तुलना में अधिक धन खर्च किया। स्विस अभियोजक यवेस बर्टोसा ने कहा कि उनके कुत्ते पर हर साल लगभग 8,584 स्विस फ्रैंक (8 लाख रुपये) खर्च होता था, जबकि उनके कुछ कर्मचारी प्रतिदिन केवल 7 स्विस फ्रैंक (660 रुपये) में काम करते थे, सप्ताह में सातों दिन 18 घंटे।
हिंदुजा परिवार का बचाव क्या था?
हिंदुजा बंधुओं ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके कर्मचारी विला छोड़ सकते हैं और उन्हें पर्याप्त लाभ मिलेगा। बचाव पक्ष ने कहा कि हिंदुजा ने कर्मचारियों को “उन्हें बेहतर जीवन की पेशकश” देने के लिए “आभारी” किया है। कुटुंब ने एक बयान में कहा कि वे फैसले से “स्तब्ध” हैं और ऊपरी अदालत में अपील की है। हिंदुजा बंधुओं के वकीलों ने कहा, “हम इस अदालत में किए गए बाकी फैसलों से चकित और निराश हैं, और हमने निश्चित रूप से ऊपरी अदालत में अपील दायर की है, जिससे निर्णय का यह हिस्सा प्रभावी नहीं हो गया है।”
सजा सुनाए जाने के दौरान परिवार के लोग अदालत में उपस्थित थे?
हिंदुजा बंधुओं ने पहले अदालत के बाहर अपने खिलाफ आरोप लगाने वाले तीन कर्मचारियों के साथ समझौता कर लिया था, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे आगे बढ़ाया क्योंकि आरोप बहुत गंभीर थे। स्वास्थ्य कारणों से प्रकाश और कमल हिंदुजा अदालत में नहीं आए। शुक्रवार को अजय और नम्रता सुनवाई में शामिल हुए, लेकिन फैसला सुनाने के लिए नहीं आए।
हिंदुजा परिवार पहले भी चर्चा में था?
Hinduja परिवार पहले भी संपत्ति के लिए विवादों में रहा है। यह सालों तक बहस हुई। हिंदुजा समूह के संस्थापक दीपचंद हिंदुजा के चार बेटों श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ने 2014 में एक समझौता किया था। इसमें कहा गया था कि एक भाई की संपत्ति चार भाइयों की नहीं बल्कि एक के नाम पर होगी। इसी समझौते से बहस शुरू हुई। समझौते के लगभग एक साल बाद, हिंदुजा भाइयों में सबसे बड़े श्रीचंद हिंदुजा ने हिंदुजा बैंक ऑफ स्विटजरलैंड पर अपने अकेले स्वामित्व का दावा किया। उनके तीनों अन्य भाइयों पर भी मुकदमा चलाया गया। 2014 में हुआ समझौता कानूनी तौर पर वैध नहीं था, याचिका में कहा गया। वर्षों की बहस के बाद परिवार ने एक समझौता किया। श्रीचंद हिंदुजा, परिवार का सबसे बड़ा भाई, 17 मई 2023 को मर गया।
अतिरिक्त जानकारी:
- दोषी सदस्य: प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी कमल हिंदुजा, और उनके बेटे अजय और नम्रता हिंदुजा।
- आरोप: अवैध रूप से काम पर रखना, मानव तस्करी (जिसके लिए उन्हें बरी कर दिया गया था), वेतन का भुगतान न करना, और कर्मचारियों को गुलाम जैसी परिस्थितियों में रखना।
- वेतन: कर्मचारियों को प्रतिदिन $8 (660 रुपये) का भुगतान किया जाता था, जो स्विस कानून के अनिवार्य वेतन के दसवें हिस्से से भी कम था।
- कुत्तों पर खर्च: अभियोजकों ने दावा किया कि परिवार ने अपने कुत्तों पर प्रति वर्ष 8,584 स्विस फ्रैंक (8 लाख रुपये) खर्च किए, जो उनके कुछ कर्मचारियों की तुलना में अधिक था।
- परिवार का बचाव: हिंदुजा परिवार ने कहा कि कर्मचारियों को अच्छे वेतन और लाभ मिलते थे और वे विला छोड़ने के लिए स्वतंत्र थे।
- पृष्ठभूमि: परिवार पहले भी संपत्ति विवादों में रहा है।
हिंदूजा समूह के 108 वर्षों का इतिहास क्या है?
दीपचंद हिंदुजा भारत के विभाजित सिंध प्रांत के शिकारपुर जिले में जन्मे थे, जहां हिंदुजा समूह की शुरुआत हुई थी। 1914 में, दीपक ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की यात्रा की, जहां उन्होंने व्यापार का ज्ञान हासिल किया। उन्होंने बाद में सिंध आकर अपना व्यापार शुरू किया। दीपचंद ने 1919 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय ईरान में खोला। 1979 तक, यह समूह ईरान से काम करता रहा।
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1979 में ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद समूह ने लंदन को अपना मुख्यालय बनाया। इस समूह अभी भी ब्रिटेन में है। दीपचंद हिंदुजा के बेटों श्रीचंद हिंदुजा, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक ने समूह को आगे बढ़ाया। श्रीचंद हिंदुजा, दीपचंद हिंदुजा के सबसे बड़े बेटे, हिंदुजा समूह, हिंदुजा बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड और हिंदुजा फाउंडेशन का अध्यक्ष हैं। दूसरे बेटे गोपीचंद हिंदुजा समूह और हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड, यूके के सह-अध्यक्ष हैं। हिंदुजा समूह (यूरोप) के अध्यक्ष हैं प्रकाश हिंदुजा। हिंदुजा ग्रुप ऑफ कंपनीज (इंडिया) के अध्यक्ष अशोक हिंदुजा हैं।